Play School Recognition Process: हरियाणा सरकार ने राज्य में सेवाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. अब नए प्ले स्कूलों को आवेदन के 45 दिन के अंदर मान्यता दी जाएगी. जबकि पहले से संचालित स्कूलों का नवीनीकरण 30 दिन में किया जाएगा. यह आदेश मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की सेवाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाने के तहत जारी किए गए हैं.
सिचाई विभाग को मिले स्पष्ट निर्देश
सिचाई और जल संसाधन विभाग को अब परियोजना क्षेत्रों में पुलों और पुलियों के निर्माण की अनुमति 60 दिन के भीतर प्रदान करनी होगी. इसके अलावा हरियाणा सूक्ष्म सिंचाई तथा कमांड क्षेत्र विकास प्राधिकरण को पीडीएमसी-एबीवाई योजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना हेतु आवेदन पर 120 दिन में निर्णय लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
बागवानी विभाग की 7 सेवाएं भी शामिल
सरकार ने बागवानी विभाग की सात सेवाओं को भी सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है भावांतर भरपाई योजना जिसके तहत प्रोत्साहन राशि के दावे का निपटान 21 दिन में करना होगा. इसी तरह मुख्यमंत्री बागवानी योजना के अंतर्गत भी दावे का निपटान 21 दिन में अनिवार्य होगा.
FPO और अन्य सेवाओं के लिए तय की गई समय-सीमा
किसान उत्पादन संगठन (FPO) के सूचीकरण का कार्य 45 दिन में पूरा किया जाएगा. वहीं हार्टनेट पोर्टल पर पूर्ण दस्तावेज जमा करने के बाद आवेदन की स्वीकृति 21 दिन में देनी होगी. भौतिक सत्यापन के पश्चात सहायता राशि का वितरण 30 दिन के अंदर होगा.
नर्सरी अनुज्ञप्तियों पर भी सख्ती से अमल
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नर्सरी फल अनुज्ञप्ति और नर्सरी बीज अनुज्ञप्ति 90 दिन के भीतर दी जाएंगी. इस फैसले से बागवानी क्षेत्र के उद्यमियों और किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि अब उन्हें अनावश्यक देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
जनहित में समयबद्धता को प्राथमिकता
हरियाणा सरकार का यह निर्णय प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. इससे न केवल सामान्य नागरिकों को लाभ होगा. बल्कि कृषि, शिक्षा और बागवानी क्षेत्र में कार्यरत लोगों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा.
सरकार का स्पष्ट संदेश
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि निर्धारित समयसीमा का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए. यदि किसी कारणवश देरी होती है, तो उसकी समीक्षा और जवाबदेही तय की जाएगी. इससे राज्य के नागरिकों को भरोसेमंद सेवा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी.