State Highway Expansion: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेशभर के सभी स्टेट हाइवे को कम से कम 10 मीटर चौड़ा करने की योजना पर तेज़ी से काम कर रही है. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के साथ-साथ अब मौजूदा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर बनाने की तैयारी है. इससे लोगों को यातायात में राहत और यात्रा में सुरक्षा मिलेगी.
ट्रैफिक दबाव कम करने की योजना
पीडब्ल्यूडी विभाग ने बताया है कि हाइवे को चौड़ा करने से तेज रफ्तार ट्रैफिक के दबाव को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा. सड़क दुर्घटनाएं भी घटेंगी और लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी.
जाम से मिलेगा स्थायी समाधान
सरकार 50 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले हाइवे पर ट्रक पार्किंग स्टेशनों का निर्माण भी कराएगी. इससे बड़े वाहनों के अवैध खड़े होने से होने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या में भारी राहत मिलेगी.
142 स्टेट हाइवे को किया जाएगा अपग्रेड
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 142 स्टेट हाइवे हैं. जिनकी कुल लंबाई 10,309 किलोमीटर है. अब सरकार इन सड़कों को बेहतर और सुरक्षित बनाने की दिशा में निवेश कर रही है. इनके 7 मीटर से 10 मीटर तक चौड़ीकरण का प्रस्ताव रखा गया है.
1500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च का अनुमान
इस योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए 1500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा गया है. इससे उत्तर प्रदेश में सड़क की गुणवत्ता और क्षमता दोनों में इजाफा होगा.
हाइवे चयन में जनप्रतिनिधियों की राय अहम
किस सड़क को चौड़ा किया जाएगा, इसका निर्णय शहर की जनसंख्या, ट्रैफिक डेंसिटी और सड़क की उपयोगिता के आधार पर होगा. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव को भी शामिल किया जाएगा. ताकि स्थानीय जरूरतों के हिसाब से योजना बने.
उच्चस्तरीय बैठक में हुई मंजूरी
हाल ही में सरकार की उच्चस्तरीय बैठक में इस कार्ययोजना पर निर्णय लिया गया है. विभाग को इस योजना को जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही ऐसे जिला मार्ग जो 2 लेन से कम चौड़ाई के हैं. उन्हें कम से कम 7 मीटर चौड़ा करने की भी बात कही गई है.
पेव्ड शोल्डर और बाईपास भी होंगे तैयार
अगले चरण में इन सड़कों के साथ पेव्ड शोल्डर जोड़े जाएंगे ताकि सड़क की मजबूती और वाहनों की गति को बनाए रखा जा सके. एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले निकायों में बाईपास, रिंग रोड और फ्लाईओवर के प्रस्ताव भी मांगे गए हैं.
एनएच से न जुड़े क्षेत्रों में बनेगी बुनियादी सुविधा
जिन निकायों में नेशनल हाइवे नहीं हैं, वहां ट्रक ले बाई की सुविधा विकसित की जाएगी. यह काम एनएचएआई (NHAI) के माध्यम से किया जाएगा ताकि ट्रैफिक का बोझ मुख्य सड़कों पर न पड़े.
सड़क हादसों से चिंतित सरकार
साल 2024 में उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से 24 हजार से अधिक लोगों की जान गई. यह आंकड़ा सरकार के लिए चिंता का कारण बन गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागों को ठोस और प्रभावी कदम उठाने का आदेश दिया है ताकि लोगों की जान सुरक्षित रह सके.