Women Loan Relief: हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने वाला एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश की 7305 महिलाओं के ऋण पर बकाया राशि को पूरी तरह माफ कर दिया गया है. ये महिलाएं हरियाणा महिला विकास निगम के तहत स्वरोजगार के लिए ऋण प्राप्त कर चुकी थीं लेकिन किसी न किसी कारणवश समय पर राशि नहीं चुका पाईं.
सरकार द्वारा कुल 6 करोड़ 63 लाख रुपये की राशि माफ की गई है, जिसमें 3.82 करोड़ रुपये मूलधन और 2.81 करोड़ रुपये ब्याज शामिल हैं. यह फैसला उन महिलाओं के लिए बड़ी राहत है जो आर्थिक रूप से कमजोर थीं और ऋण अदायगी में सक्षम नहीं थीं.
30 जून 2024 तक नहीं चुकाने वालों को मिली छूट
महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिन महिलाओं ने 30 जून 2024 तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया. उनका पूरा मूलधन और ब्याज माफ कर दिया गया है. यह कदम हरियाणा महिला विकास निगम को वित्तीय दबाव से बचाने के लिए भी अहम माना जा रहा है. विभाग स्वयं इस माफ की गई राशि का भुगतान करेगा.
महिला विकास निगम से मिलते हैं ये ऋण
हरियाणा महिला विकास निगम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यक्तिगत ऋण योजना के अंतर्गत 1.50 लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराता है. इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओं को सहयोग देना है, जो स्वरोजगार शुरू करना चाहती हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण पीछे रह जाती हैं.
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल वही महिलाएं ले सकती हैं:
- जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से अधिक न हो
- जिनके परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता न हो
ऐसी महिलाएं सिलाई, कढ़ाई, करियाना स्टोर, रेडीमेड गारमेंट्स, स्टेशनरी, बुटीक, जनरल स्टोर जैसे विभिन्न स्वरोजगार के लिए यह ऋण प्राप्त कर सकती हैं.
अनुसूचित जाति और अन्य वर्गों को मिलता है अनुदान
इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति की महिलाओं को 25 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाता है. जबकि अन्य श्रेणी की महिलाओं को 10 हजार रुपये तक का अनुदान मिल सकता है. ऋण की शेष राशि सहकारी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है. यह सहयोग महिलाओं को व्यावसायिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर देता है.
क्या है इस फैसले का असर?
इस निर्णय से एक ओर जहां महिलाओं को कर्ज से मुक्ति मिली है. वहीं दूसरी ओर यह सरकार की महिला कल्याण नीति को भी मजबूती प्रदान करता है. जिन महिलाओं पर कर्ज का मानसिक और आर्थिक दबाव था, वे अब नई शुरुआत कर सकती हैं. सरकार का यह कदम प्रदेश में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और गरीब वर्ग की महिलाओं को राहत देने की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में देखा जा रहा है.