Link Expressway Project: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बृहस्पतिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण परियोजना – लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी प्रदान की है। यह नया एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ेगा। जिससे पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच सुगम और तेज कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी।
क्या है यह लिंक एक्सप्रेसवे?
इस प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई 49.96 किलोमीटर होगी और इसे छह लेन के रूप में विकसित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में इसे आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राजधानी लखनऊ के ट्रैफिक जाम में भारी कमी आने की संभावना है और वाहन अब बिना शहर में प्रवेश किए ही निकल सकेंगे।
लागत और निर्माण योजना की जानकारी
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 4776 करोड़ रुपये है, जिसमें निर्माण लागत और भूमि अधिग्रहण का खर्च शामिल है। सरकार की योजना है कि इस वर्ष के भीतर ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाए। प्रारंभिक रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपी जाएगी, जो 5 वर्षों तक इसका संचालन और अनुरक्षण करेंगी।
कैबिनेट ने दिखाई हरी झंडी
योगी सरकार की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए औद्योगिक विकास विभाग को कार्यवाही का निर्देश दे दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की शुरुआत की थी और यह दूसरा बड़ा लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट होगा। जो यूपी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को और सशक्त करेगा।
राजधानी लखनऊ को मिलेगी राहत
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से लखनऊ शहर में यातायात दबाव कम होगा। क्योंकि भारी और लंबी दूरी के वाहन शहर में प्रवेश किए बिना सीधे आगे बढ़ सकेंगे। इसका सीधा लाभ पर्यावरण। ईंधन बचत और यात्रा समय की कमी के रूप में मिलेगा। यात्री और व्यापारी दोनों के लिए यह एक गति और सुविधा बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।
पूर्वांचल और पश्चिम यूपी की दूरी होगी कम
इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद पूर्वांचल के जिलों से वेस्ट यूपी के शहरों तक सीधी और तेज कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो जाएगी। इससे राज्य में व्यापार, पर्यटन और आवागमन को भी गति मिलेगी। एक्सप्रेसवे नेटवर्क को जोड़ने की यह रणनीति उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
एक्सप्रेसवे निर्माण में निजी भागीदारी
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्य के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। जिससे काम में गति और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित हो सकें। आने वाले समय में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर चयन किया जाएगा ताकि परियोजना समयबद्ध तरीके से पूरी हो।