Rapid Rail Project 2025: उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा अब पहले से कहीं ज्यादा तेज और आसान होने जा रही है. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) की ओर से प्रस्तावित रैपिड रेल परियोजना को हरी झंडी मिल गई है, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी महज 40 मिनट में तय की जा सकेगी.
NCRTC कर रहा है रैपिड रेल परियोजना पर तेज़ी से काम
इस परियोजना को लेकर NCRTC ने कार्य में तेजी लाते हुए हाल ही में लखनऊ में तकनीकी और शहरी योजना से जुड़े बिंदुओं की समीक्षा की. इस दौरे के दौरान टीम ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) से चर्चा की. जिसके बाद LDA ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी कर दिया है. अब इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने की राह पूरी तरह साफ हो गई है.
एलडीए ने दी मंजूरी, शहरी योजना पर नहीं पड़ेगा असर
एलडीए ने स्पष्ट किया है कि रैपिड रेल की योजना राजधानी की महायोजना को प्रभावित नहीं करेगी, बशर्ते DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करते समय शहरी योजना के सभी मापदंडों का ध्यान रखा जाए. प्रस्ताव के अनुसार रैपिड रेल का मार्ग लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से शुरू होकर कानपुर तक जाएगा.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी रैपिड रेल
यह रैपिड रेल ट्रेन आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस होगी. यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसमें कई तकनीकी फीचर्स जोड़े जाएंगे:
- ऑटोमेटिक डोर सिस्टम
- हाई-स्पीड ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी
- स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम
- एडवांस ब्रेकिंग तकनीक
इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव देना है.
हर मौसम में चलेगी बिना रुके रैपिड रेल
इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इस पर मौसम का कोई असर नहीं पड़ेगा. चाहे घना कोहरा हो, बारिश या कोई अन्य मौसमीय बाधा, रैपिड रेल समय पर और निर्बाध रूप से गंतव्य तक पहुंचेगी. यह मुमकिन होगा इसकी उन्नत नेविगेशन तकनीक और सेंसर आधारित ऑपरेशन की वजह से.
2015 से बन रही थी योजना, अब आएगी जमीन पर
इस रैपिड रेल सेवा का विचार वर्ष 2015 में प्रस्तावित किया गया था. लेकिन अब जाकर इसे वास्तविकता में बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई है. NCRTC और LDA की सक्रियता से यह परियोजना अब जल्द ही धरातल पर दिखने लगेगी.
क्या मिलेगा यात्रियों को लाभ?
- हर मौसम में संचालन: बारिश या कोहरे में भी ट्रेन समय पर चलेगी
- समय की बचत: लखनऊ से कानपुर का सफर मात्र 40 मिनट में
- भीड़भाड़ से राहत: सड़क मार्ग की तुलना में ज्यादा सुविधा और तेज सफर
- टेक्नोलॉजी का लाभ: एडवांस ट्रैकिंग, टिकटिंग और ब्रेकिंग सिस्टम