Haryana Rain Alert: हरियाणा में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और अब राज्य के 18 जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश के लिए यलो अलर्ट जारी करते हुए गरज-चमक, तेज हवाएं और बारिश की चेतावनी दी है। आने वाले दिनों में कई इलाकों में भारी बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।
बंगाल और अरब सागर से पहुंच रही हैं नमी वाली हवाएं
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त मानसूनी हवाएं हरियाणा की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। इसके साथ ही राजस्थान के ऊपर बने चक्रवाती सिस्टम के कारण अरब सागर से भी नमी प्रदेश में प्रवेश कर रही है। इन दोनों दिशाओं से आ रही नमी के कारण अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
प्रदेश में अब तक सामान्य से 32% ज्यादा बारिश
साल 2025 में अब तक हरियाणा में औसत वर्षा 86.4 मिमी रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य औसत मात्र 65.4 मिमी होता है। इस हिसाब से प्रदेश में अब तक 32% अधिक बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा न केवल मानसून की सक्रियता को दर्शाता है बल्कि कृषि क्षेत्र के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
7 जुलाई तक जारी रह सकती है बारिश
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 7 जुलाई 2025 तक हरियाणा में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। कुछ जिलों में भारी बारिश की आशंका भी जताई गई है, जिससे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। निचले इलाकों और जलभराव वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
हिसार और फतेहाबाद में पहले ही हो चुकी है बरसात
बीते दिन हिसार और फतेहाबाद जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई थी। इसने क्षेत्र में तापमान में गिरावट और मिट्टी में नमी की स्थिति को बेहतर बना दिया है। अब अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना है।
तापमान में भी दर्ज हुई गिरावट
बारिश के चलते प्रदेश में गुरुवार को अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, सिरसा जिला अभी भी सबसे गर्म रहा, जहां का अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इन जिलों के लिए जारी किया गया यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने जिन 18 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है, उनमें शामिल हैं:
गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, करनाल, पानीपत, यमुनानगर, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, झज्जर, रोहतक, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, भिवानी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी और पंचकूला। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं, बिजली गिरने और भारी वर्षा की आशंका है।
किसानों के लिए राहत की खबर
बारिश की यह स्थिति किसानों के लिए सकारात्मक खबर लेकर आई है। धान, कपास और बाजरे जैसी फसलों के लिए मिट्टी में नमी और तापमान में गिरावट अनुकूल स्थिति प्रदान कर सकती है। हालांकि, अधिक बारिश या जलभराव से बचाव के लिए खेती के तरीकों में सतर्कता जरूरी है।
प्रशासन ने भी बढ़ाई सतर्कता
स्थानीय प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं। निचले इलाकों में जलभराव की संभावना, बिजली गिरने की घटनाएं और तेज हवाओं से नुकसान को देखते हुए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं।