पहली बार लागू हुआ शिक्षकों का ड्रेस कोड, जानिए कैसा रहेगा टीचर्स का यूनिफॉर्म Teachers Dress Code

Teachers Dress Code: चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल देशभर में अपनी शिक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पहचाने जाते हैं. अब यहां एक नई पहल की गई है जिसके तहत शिक्षक भी यूनिफॉर्म में पढ़ाते नजर आएंगे. यह बदलाव सबसे पहले सेक्टर-14 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनास में लागू किया गया है.

प्रशासक के सुझाव से शुरू हुई यूनिफॉर्म पहल

चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने जब नए पद पर कार्यभार संभाला था, तब उन्होंने शिक्षकों के अपॉइंटमेंट लेटर वितरण समारोह में सुझाव दिया था कि अगर शिक्षक भी एक जैसी पोशाक पहनें तो इससे न केवल पहचान बनेगी. बल्कि छात्रों को भी यूनिफॉर्म पहनने की प्रेरणा मिलेगी. इसी विचार को आधार बनाकर धनास स्कूल में ड्रेस कोड को लागू किया गया.

महिला और पुरुष शिक्षकों के लिए तय हुआ अलग ड्रेस कोड

स्कूल प्रशासन ने महिला और पुरुष शिक्षकों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड निर्धारित किया है.

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  • महिला शिक्षकों को मेहरून साड़ी या सलवार-कमीज पहनने के निर्देश दिए गए हैं.
  • पुरुष शिक्षकों को ग्रे शर्ट और नेवी ब्लू पैंट पहनने को कहा गया है.

ड्रेस कोड से आएगा अनुशासन और समानता का भाव

प्रशासक कटारिया का कहना है कि ड्रेस कोड से न केवल स्कूलों में अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म बढ़ेगा, बल्कि सभी कर्मचारियों को एक समान दर्जा मिलेगा. इससे शिक्षा संस्थानों में सांकेतिक एकरूपता और जिम्मेदारी की भावना को भी बल मिलेगा.

शिक्षकों की सहमति से हुआ फैसला

धनास स्कूल की प्रिंसिपल सीमा रानी ने बताया कि ड्रेस कोड पर निर्णय लेने से पहले एक कमेटी गठित की गई थी. इस कमेटी ने सभी शिक्षकों से राय ली और फिर सहमति से एक ड्रेस तय की गई. यह निर्णय भागीदारी के साथ लागू किया गया है.

शिक्षकों ने फैसले का किया स्वागत

टीचर नीलम शर्मा ने बताया कि उन्हें यूनिफॉर्म पहनने में खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि साड़ी पहनने में कठिनाई होने के चलते उन्होंने सूट सिलवाया, जो उनके लिए आरामदायक भी है. पुरुष शिक्षक संदीत का कहना है कि इस ड्रेस कोड से समाज में शिक्षकों की प्रतिष्ठा और आदर बढ़ेगा. ठीक वैसे ही जैसे सेना या पुलिस की यूनिफॉर्म को देखा जाता है.

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छात्रों को भी मिलेगा प्रेरणादायक माहौल

शिक्षकों का मानना है कि इस पहल से छात्रों में अनुशासन और प्रेरणा की भावना जागेगी. जब वे अपने शिक्षकों को भी यूनिफॉर्म में देखेंगे, तो उनमें भी यूनिफॉर्म पहनने और स्कूल के प्रति सम्मान का भाव मजबूत होगा.

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