Metro New Technology: देश की राजधानी दिल्ली में मेट्रो केवल एक परिवहन साधन नहीं बल्कि लाखों लोगों की रोज़मर्रा की जरूरत बन चुकी है. दिल्ली मेट्रो की पहुंच और सुविधा के चलते लोग इसे लाइफलाइन मानते हैं. लेकिन रोज मेट्रो से सफर करने वाले अधिकांश यात्रियों को इसके कुछ छिपे हुए और बेहद काम के टिप्स नहीं पता होते. आज हम आपको दिल्ली मेट्रो की एक ऐसी स्मार्ट सुविधा के बारे में बता रहे हैं. जिसकी मदद से आप अगली बार भीड़ से बचकर यात्रा कर सकते हैं.
पीक ऑवर्स में यात्रियों की सबसे बड़ी समस्या
दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले जानते हैं कि सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 से 9 बजे तक का समय पीक ऑवर्स होता है. इस दौरान कोच में जगह मिलना मुश्किल हो जाता है. यात्रियों को अक्सर गेट के पास ही खड़ा रहना पड़ता है या फिर भीड़ से जूझना पड़ता है.
अब ट्रेन आने से पहले जानिए कौन सा कोच रहेगा खाली
अगर आपसे कहा जाए कि आप ट्रेन के आने से पहले जान सकते हैं कि कौन सा कोच भरा है और कौन सा खाली, तो क्या आप भरोसा करेंगे? दिल्ली मेट्रो की नई तकनीक अब यह जानकारी यात्रियों को ट्रेन के आने से पहले ही प्लेटफॉर्म पर दे रही है.
प्लेटफॉर्म पर ही मिलेगा अपडेट
दिल्ली मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर लगे PIDS (Passenger Information Display System) के जरिए यात्रियों को सिर्फ ट्रेन के आगमन का समय ही नहीं, बल्कि यह भी बताया जाता है कि किस कोच (जैसे C1, C2, C3 आदि) में कितनी भीड़ है.
भीड़ की जानकारी कैसे पता लगती है?
दिल्ली मेट्रो के मुताबिक यह जानकारी एक विशेष सॉफ्टवेयर सिस्टम की मदद से दी जाती है. यह सिस्टम हर कोच के मौजूदा वजन को उसके खाली वजन से तुलना करता है. इस तुलना से पता चलता है कि किस कोच में अनुमानित कितने यात्री हैं और उस कोच में कितनी भीड़ हो सकती है. उदाहरण के तौर पर, अगर C2 कोच का वजन सामान्य से अधिक है. तो यह दर्शाता है कि उसमें भीड़ ज्यादा है. वहीं अगर किसी कोच का वजन कम है, तो वह कम भरा हुआ माना जाता है.
अभी किन यात्रियों को मिल रही है यह सुविधा?
फिलहाल यह सुविधा दिल्ली मेट्रो की सभी लाइनों पर नहीं लागू की गई है. अभी इसे Magenta Line पर ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है. इस लाइन पर सफर करने वाले यात्री इस स्मार्ट डिस्प्ले सिस्टम का लाभ उठा सकते हैं.
क्या है मैजेंटा लाइन की खासियत?
दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन लगभग 36 किलोमीटर लंबी है और इसमें 26 स्टेशन हैं. यह लाइन कृष्णा पार्क एक्सटेंशन से लेकर बॉटेनिकल गार्डन तक जाती है. साथ ही इसमें 4 बड़े इंटरचेंज स्टेशन भी हैं. जिससे यात्री अन्य लाइनों पर आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं.