Public Holiday: पंजाब में गर्मी के बीच लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है. राज्य सरकार ने 11 जून बुधवार को सरकारी अवकाश घोषित किया है. यह अवकाश संत कबीर जयंती के उपलक्ष्य में दिया गया है. इस दिन राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सार्वजनिक सेवाओं पर कामकाज बंद रहेगा.
कबीर जयंती पर पूरे राज्य में रहेगा अवकाश
पंजाब सरकार के वार्षिक अवकाश कैलेंडर के अनुसार कबीर जयंती के मौके पर हर साल राज्य स्तरीय अवकाश घोषित किया जाता है. इसी परंपरा के तहत इस वर्ष भी 11 जून को पूरे पंजाब में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. सरकार की ओर से सभी विभागों को इस संबंध में सूचना भेज दी गई है.
सरकारी कार्यालय, बैंक और अन्य संस्थान रहेंगे बंद
इस अवकाश के तहत सभी सरकारी दफ्तरों, विभागीय कार्यालयों, स्थानीय निकायों, न्यायालयों और अन्य संस्थानों में कामकाज बंद रहेगा. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि नागरिक संत कबीर की शिक्षाओं को सम्मान देते हुए जयंती के अवसर पर भाग ले सकें. हालांकि आपातकालीन सेवाएं और आवश्यक कार्यों से जुड़े विभाग पूर्ववत खुले रह सकते हैं.
पहले से ही बंद हैं राज्य के स्कूल
गौरतलब है कि पंजाब के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पहले से ही गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. इसलिए इस अवकाश का स्कूलों पर कोई अतिरिक्त असर नहीं पड़ेगा. स्कूल शिक्षा विभाग पहले ही ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर चुका है, जो जून के अंत तक जारी रह सकती है.
कर्मचारियों और आम लोगों के लिए राहत का दिन
तेज गर्मी के इस मौसम में एक दिन की छुट्टी कर्मचारियों और आम जनता के लिए विशेष राहत लेकर आई है. लोग इस दिन का उपयोग धार्मिक आयोजनों, परिवार के साथ समय बिताने या फिर आराम करने के लिए कर सकते हैं. इसके साथ ही कई लोगों के लिए यह छुट्टी वीकली ऑफ के साथ जोड़ने का अवसर भी बन सकती है.
कबीर जयंती का महत्व क्या है?
संत कबीरदास 15वीं सदी के महान भक्त, कवि और समाज सुधारक थे. उनका जन्म हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. उनकी रचनाएं आज भी समाज में समानता, सद्भाव और ईश्वरभक्ति की प्रेरणा देती हैं. पंजाब सहित देश के कई हिस्सों में कबीर पंथी अनुयायी और सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य आयोजन किए जाते हैं.
पंजाब में कबीर पंथियों की विशेष उपस्थिति
पंजाब में कबीर पंथी समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. यहां पर कबीर जयंती पर विभिन्न धार्मिक आयोजन, कीर्तन, सत्संग और भंडारों का आयोजन किया जाता है. यही कारण है कि सरकार द्वारा इस दिन को राज्य स्तरीय अवकाश के रूप में घोषित किया जाता है.