Commuted Pension: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आ सकती है. भले ही अभी यह सिर्फ चर्चाओं में है. लेकिन अगर सरकार इस पर सकारात्मक फैसला लेती है तो रिटायर कर्मचारियों को कम्यूटेड पेंशन में बड़ा लाभ मिल सकता है. मौजूदा समय में इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी संगठनों में फिर से हलचल तेज हो गई है.
कम्यूटेड पेंशन में क्या बदलाव की मांग हो रही है?
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, जब कोई केंद्रीय कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे हर महीने नियमित पेंशन मिलती है. लेकिन सरकार एक विकल्प देती है कि कर्मचारी चाहे तो अपनी पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में ले सकता है. जिसे कम्यूटेड पेंशन कहा जाता है. इसके बदले में अगले 15 वर्षों तक उसकी मासिक पेंशन में कटौती होती है. इसके बाद ही पूर्ण पेंशन बहाल होती है. अब कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इस कटौती की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल कर दिया जाए ताकि रिटायर होने वाले कर्मचारी को कम समय में ही पूरी पेंशन मिल सके.
SCOVA की बैठक में फिर उठा मुद्दा
SCOVA (Standing Committee of Voluntary Agencies) की हाल ही में आयोजित 34वीं बैठक में यह मांग एक बार फिर प्रमुखता से उठाई गई. समिति में रिटायर कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने सरकार से अपील की कि मौजूदा नियमों को फिर से विचाराधीन लिया जाए और 12 साल की बहाली अवधि को लागू किया जाए.
8वें वेतन आयोग के बीच क्यों अहम है यह मांग?
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) कब से लागू होगा. लेकिन उससे पहले ही रिटायर कर्मचारियों के हितों को लेकर यह मांग चर्चा में है. यह मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि महंगाई के इस दौर में रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय राहत की सख्त जरूरत है.
कर्मचारी संगठनों ने क्या दलील दी?
कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि आरबीआई द्वारा लगातार ब्याज दरों में कटौती के कारण अब 15 साल की अवधि उचित नहीं लगती. उनका तर्क है कि 5वें वेतन आयोग और कुछ राज्य सरकारें पहले ही 12 साल की बहाली अवधि की सिफारिश कर चुकी हैं. ऐसे में अब केंद्र सरकार को भी इसी दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.
पुरानी सिफारिशें भी हैं समर्थन में
कुछ वर्षों पहले जब 5वां वेतन आयोग लागू हुआ था. तब भी यह सिफारिश की गई थी कि कम्यूटेड पेंशन की कटौती अवधि 12 साल रखी जाए. कई राज्य सरकारों ने भी इस नियम को लागू कर अपने कर्मचारियों को राहत दी है. अब यह मांग उठ रही है कि केंद्र सरकार भी इस पर गौर करे और न्यायसंगत निर्णय ले.
क्या बदलेगा नियम तो कितना फायदा?
अगर केंद्र सरकार 15 साल की जगह 12 साल में पेंशन बहाल करने का नियम बना देती है, तो रिटायर कर्मचारी 3 साल पहले पूरी पेंशन के हकदार हो जाएंगे. इसका सीधा असर उनके मासिक खर्च और जीवन स्तर पर पड़ेगा. खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो मध्यम वर्ग या निम्न आय वर्ग से आते हैं.
सरकार के सामने विकल्प क्या हैं?
सरकार चाहे तो इसे आंशिक रूप से लागू कर सकती है — जैसे कि विशिष्ट आय वर्ग या आयु वर्ग के लिए राहत दी जाए. दूसरा विकल्प यह है कि नई पेंशन लेने वालों के लिए यह नियम लागू किया जाए. तीसरा विकल्प यह है कि स्वेच्छा से विकल्प चुनने की छूट दी जाए कि कौन कर्मचारी 12 साल या 15 साल की बहाली अवधि चाहता है.