Loan Prepayment Rules : आज के दौर में लोन लेना आम जरूरत बन चुका है। घर खरीदने, गाड़ी लेने या फिर किसी आपातकालीन खर्च को पूरा करने के लिए अधिकतर लोग बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं। लेकिन जब कोई उधारकर्ता अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत होते ही लोन का भुगतान तय समय से पहले कर देता है, तो बैंक उसे प्रीपेमेंट पेनल्टी के रूप में जुर्माना लगा देते हैं। यह स्थिति कई ग्राहकों को हैरान कर देती है।
समय से पहले लोन चुकाने पर जुर्माना क्यों?
बैंक अपने दिए गए लोन पर ब्याज के रूप में आय कमाते हैं। यदि कोई उधारकर्ता तय अवधि से पहले ही पूरा लोन चुका देता है, तो बैंक की अपेक्षित आय घट जाती है। इसी कारण बैंक प्रीपेमेंट चार्ज लगाकर उस घाटे की भरपाई करना चाहते हैं।
इस चार्ज को प्रीपेमेंट पेनल्टी या फोरक्लोज़र चार्ज कहा जाता है, जो कुल बकाया राशि का एक निश्चित प्रतिशत हो सकता है।
कौन से लोन पर लगता है प्रीपेमेंट चार्ज?
सभी लोन पर यह पेनल्टी नहीं लगती। यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोन की प्रकृति क्या है—फिक्स्ड रेट है या फ्लोटिंग रेट।
- फिक्स्ड रेट लोन: इस प्रकार के लोन में प्रीपेमेंट चार्ज अक्सर लगाया जाता है।
- फ्लोटिंग रेट लोन: RBI के नियमों के अनुसार, बैंकों को इस प्रकार के लोन पर कोई प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं लगानी चाहिए।
होम लोन पर क्या नियम लागू होते हैं?
अगर आपने होम लोन फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लिया है, तो आपको कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं देना पड़ता—चाहे आपने लोन बैंक से लिया हो या किसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से।
हालांकि, अगर लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो बैंक प्रीपेमेंट पर 2% तक का चार्ज वसूल सकते हैं।
कार लोन और पर्सनल लोन में स्थिति
कार लोन और पर्सनल लोन प्रायः फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर दिए जाते हैं। इस कारण इन पर आमतौर पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लगाई जाती है। कई बैंक या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) 3% तक का शुल्क लेती हैं।
प्रीपेमेंट करने से पहले लोन एग्रीमेंट की शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है।
क्या RBI के नियम ग्राहकों के पक्ष में हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फ्लोटिंग रेट लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लगाने को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया है। लेकिन फिक्स्ड रेट लोन पर यह चार्ज अभी भी वैध है।
ग्राहकों को जागरूक होकर लोन शर्तों को समझकर ही फैसला लेना चाहिए। अगर बैंक किसी नियम का उल्लंघन कर रहा है, तो RBI में शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती है।
प्रीपेमेंट पेनल्टी से बचने के उपाय
- लोन लेने से पहले बारीकी से शर्तें पढ़ें।
- अगर संभव हो, तो फ्लोटिंग रेट लोन चुनें।
- प्रीपेमेंट से पहले बैंक से लिखित अनुमति और चार्ज डिटेल्स लें।
- लोन की EMI समाप्ति की स्थिति और भुगतान कैलेंडर समझें।