Indian Railways: हाल ही में एक विदेशी इन्फ्लुएंसर का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें उसने भारत की ट्रेन में मिले खाने की तारीफ की. इस ट्रैवलर ने बताया कि कैसे उसने ट्रेन में खाना ऑर्डर किया और उसे समय पर गर्मागरम भोजन मिल भी गया. वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपने देश की सरकार से भी इस तरह की सुविधा लागू करने की अपील की.
भारत में कई ट्रेनों में आज ई-कैटरिंग और स्टेशन प्वाइंट डिलीवरी जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं. जिनसे यात्री आराम से पका हुआ खाना मंगवा सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी ट्रेन भी है जहां ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक सारा खाना मुफ्त में मिलता है?
मुफ्त भोजन देने वाली ट्रेन का नाम है सचखंड एक्सप्रेस
भारत की इस अनोखी ट्रेन का नाम है सचखंड एक्सप्रेस (12715/12716). यह ट्रेन महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब के अमृतसर के बीच चलती है. यह सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन का माध्यम नहीं. बल्कि धार्मिक आस्था और सेवा भावना का प्रतीक बन चुकी है.
सचखंड एक्सप्रेस नांदेड़ के श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा और अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) जैसे दो पवित्र सिख धार्मिक स्थलों को जोड़ती है. यही वजह है कि यह ट्रेन लाखों श्रद्धालुओं और आम यात्रियों के लिए विशेष महत्व रखती है.
ट्रेन की शुरुआत और उसका इतिहास
सचखंड एक्सप्रेस की शुरुआत 1995 में साप्ताहिक ट्रेन के तौर पर की गई थी. शुरुआत में यह ट्रेन केवल हफ्ते में एक दिन चलती थी. लेकिन यात्रियों की संख्या और मांग को देखते हुए इसे बाद में सप्ताह में दो दिन, फिर 1997-98 में सप्ताह में पांच दिन और अंततः 2007 में इसे रोजाना चलाया जाने लगा.
अब यह ट्रेन हर दिन 39 स्टेशनों पर रुकती है और हजारों लोग इसका सफर करते हैं. लेकिन इस ट्रेन की सबसे खास बात यह है कि इसमें सफर करने वाले यात्रियों को छह प्रमुख स्टेशनों पर मुफ्त भोजन (लंगर) की सेवा दी जाती है.
किन स्टेशनों पर मिलता है निशुल्क लंगर?
सचखंड एक्सप्रेस अपनी यात्रा के दौरान कई स्टेशनों पर रुकती है, लेकिन छह प्रमुख स्टॉप्स पर यात्रियों को लंगर सेवा दी जाती है. ये स्टेशन हैं:
- नई दिल्ली
- भोपाल
- परभणी
- जालना
- औरंगाबाद
- मराठवाड़ा
यहां यात्रियों को जनरल से लेकर एसी क्लास तक, सबको एक समान भोजन सेवा दी जाती है. भोजन पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी होता है और यह लंगर सेवा के तहत निशुल्क होता है.
यात्रियों को क्या करना होता है?
ट्रेन के अंदर या प्लेटफॉर्म पर सेवा करने वाले स्वयंसेवक यात्रियों से कहते हैं कि वे अपनी थाली और बर्तन साथ रखें ताकि लंगर का वितरण सुचारु रूप से किया जा सके. भोजन लाइन से परोसा जाता है और सबको समान रूप से दिया जाता है. यह प्रक्रिया सिख धर्म की सेवा और बराबरी की भावना को दर्शाती है, जहां जाति, धर्म या क्लास का कोई भेदभाव नहीं होता.
कैसे हुई इस पहल की शुरुआत?
इस अनूठे लंगर सेवा की शुरुआत नांदेड़ के एक स्थानीय सिख व्यापारी ने की थी. उन्होंने श्रद्धा और सेवा भाव से यह शुरुआत की कि इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को निशुल्क खाना मिले. धीरे-धीरे इस सेवा का विस्तार हुआ और फिर इसे हजूर साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट ने अपने हाथ में ले लिया. अब यह पूरी व्यवस्था गुरुद्वारा द्वारा संचालित होती है और हर दिन लगभग 2000 यात्रियों को खाना परोसा जाता है.
खाने में क्या-क्या मिलता है?
सचखंड एक्सप्रेस में मिलने वाला खाना पूरी तरह शाकाहारी होता है और इसे गुरुद्वारे की पाक शैली में तैयार किया जाता है. आमतौर पर मेन्यू में होता है:
- कढ़ी-चावल
- दाल
- सब्जी
- रोटी
भोजन में स्वाद के साथ-साथ पवित्रता और सेवा की भावना भी होती है. जिससे यात्री सिर्फ पेट ही नहीं, दिल से भी संतुष्ट हो जाते हैं.