Lado Laxmi Yojana: हरियाणा सरकार जल्द ही राज्य की महिलाओं को लेकर एक ऐतिहासिक योजना ‘लाडो लक्ष्मी’ लागू करने जा रही है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2100 की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह घोषणा भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले की गई थी और अब इसे धरातल पर उतारने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने बजट में की बड़ी घोषणा
हरियाणा विधानसभा बजट 2025-26 में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री नायब सिंह सैनी ने ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस योजना को प्राथमिकता के साथ लागू करना चाहती है. मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रोजाना इस योजना को लागू करने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है. अधिकारियों से नियमित फीडबैक लिया जा रहा है ताकि योजना जल्द से जल्द शुरू की जा सके.
किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?
सरकार इस बात पर मंथन कर रही है कि योजना का लाभ किन वर्गों की महिलाओं को दिया जाए. इसके लिए दो विकल्पों पर विचार हो रहा है:
- बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों की महिलाएं. जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये तक है.
- पति-पत्नी की संयुक्त वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक वाले परिवारों की महिलाएं.
सरकार जल्द तय करेगी कि इन दो विकल्पों में से किस श्रेणी को प्राथमिकता दी जाए या योजना को दोनों वर्गों के लिए लागू किया जाए.
23 से 60 साल की उम्र की महिलाएं होंगी पात्र
‘लाडो लक्ष्मी योजना’ के तहत 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की महिलाओं को इस आर्थिक सहायता का लाभ दिया जाएगा. योजना का उद्देश्य ऐसे परिवारों की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है जो अभी तक किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ नहीं ले रही हैं. यह सहायता ‘शगुन’ के रूप में ₹2100 हर महीने सीधे महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी. इससे महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.
सरकारी खजाने पर कितना होगा बोझ?
अगर सरकार इस योजना का लाभ केवल बीपीएल वर्ग की महिलाओं को देती है, तो करीब 25 लाख महिलाएं इसके दायरे में आएंगी. ऐसे में सरकार को हर महीने 500 करोड़ रुपये का खर्च वहन करना होगा. वहीं अगर इसे तीन लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों तक बढ़ाया जाता है, तो लाभार्थियों की संख्या 40 लाख तक पहुंच सकती है. जिससे हर महीने का खर्च 800 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगा. यानी इस योजना का बजट और प्रभाव दोनों ही बहुत बड़े होंगे.
बुढ़ापा पेंशन लेने वाली महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो महिलाएं पहले से बुढ़ापा पेंशन ले रही हैं. वे ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ की पात्र नहीं होंगी. यह कदम दोहरी लाभ की स्थिति से बचाने और योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है. इससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में आसानी होगी कि वास्तविक जरूरतमंद महिलाएं ही लाभ प्राप्त करें और सरकारी बजट का उपयोग सही दिशा में हो.
तेजी से चल रहा है बैंक खातों को फैमिली आईडी से लिंक करने का काम
योजना को लागू करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) की अहम भूमिका रहेगी. हर महिला लाभार्थी का बैंक खाता फैमिली आईडी से जोड़ा जा रहा है ताकि योजना की राशि सीधे खाते में ट्रांसफर हो सके. इस कार्य को क्रिड पंचायत लेवल ऑपरेटर (CPLO) द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें महिलाओं की जन्मतिथि सत्यापन और अन्य दस्तावेज जांच की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. अब तक करीब 70% काम पूरा हो चुका है और शेष काम इस माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है.
हरियाणा बन सकता है देश का पहला राज्य
यदि हरियाणा सरकार यह योजना घोषित करती है, तो यह देश का पहला राज्य होगा जो इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को ₹2100 प्रति माह देने वाला बनेगा. इससे पहले मध्य प्रदेश में ‘लाडली बहना योजना’ लागू की गई थी. जिसमें महिलाओं को ₹1250 प्रति माह दिए जाते हैं. लेकिन हरियाणा की योजना वित्तीय रूप से कहीं अधिक मजबूत और प्रभावी दिखाई दे रही है.
सीएम सैनी के निर्देश पर योजना लागू करने की तैयारियां अंतिम चरण में
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला को निर्देश दिए हैं कि योजना को जल्द से जल्द धरातल पर लाया जाए. अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसे मई या जून 2025 से लागू कर सकती है. जिससे लाखों महिलाओं को आर्थिक सहारा मिलेगा और यह भाजपा सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनकर सामने आएगी.