Beer Bottle And Can Difference: बीयर पीने वालों के लिए आज का दौर काफी बदल चुका है. पहले जहां बीयर केवल बोतलों (Beer Bottles) में ही मिलती थी और वही मुख्य विकल्प मानी जाती थी, वहीं अब कैन (Beer Cans) का चलन तेज़ी से बढ़ा है. खासकर युवा वर्ग में कैन वाली बीयर की लोकप्रियता ज़्यादा देखी जा रही है. कई बड़े ब्रांड अब अपने प्रोडक्ट्स को बोतल और कैन दोनों में पेश कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या दोनों में कोई फर्क है? क्या कोई एक विकल्प स्वाद, कीमत या सुविधा के लिहाज से बेहतर है?
कैन बीयर
बीते कुछ सालों में बीयर कैन की बिक्री में तेज़ी से इजाफा हुआ है. इसके कई कारण हैं:
- कैन का डिज़ाइन आकर्षक होता है, जो युवाओं को खासा लुभाता है.
- कैन हल्के होते हैं, जिससे इन्हें कहीं भी ले जाना आसान होता है.
- कैन जल्दी ठंडी हो जाती है और लंबे समय तक ठंडी बनी रहती है.
- कैन खोलने के लिए बोतल ओपनर की जरूरत नहीं होती, जिससे कैजुअल ड्रिंकिंग के लिए बेहतर विकल्प बन जाती है.
इन सभी कारणों के चलते आज की नई जनरेशन कैन को ज्यादा तवज्जो देती है.
बोतल बीयर
दूसरी तरफ, बीयर पीने वालों का एक बड़ा वर्ग अब भी बोतलबंद बीयर को ही बेहतर मानता है. उनके लिए इसका स्वाद और क्लासिक लुक एक अलग ही महत्व रखता है.
- बोतलों में बीयर ज्यादा समय तक फ्रेश और कार्बोनेटेड रहती है.
- कई लोगों को लगता है कि बोतल से पीने का अनुभव ज्यादा रिच और पारंपरिक होता है.
- रेस्तरां और बारों में बोतलबंद बीयर को प्रेजेंट करने का तरीका भी अलग होता है, जिससे उसका एक खास अनुभव बनता है.
क्या कैन और बोतल में बीयर का स्वाद अलग होता है?
यह सवाल अक्सर पूछा जाता है—क्या कैन और बोतल में एक ही बीयर का स्वाद अलग-अलग होता है?
उत्तर है – थोड़ा बहुत अंतर महसूस हो सकता है. लेकिन यह पूरी तरह उस व्यक्ति की स्वाद संवेदना और अनुभव पर निर्भर करता है.
- कैन एल्यूमिनियम की बनी होती है. जिसमें बीयर की ऑक्सीजन से कम प्रतिक्रिया होती है.
- वहीं बोतलें (खासकर पारदर्शी) कुछ हद तक प्रकाश को पास करती हैं. जिससे बीयर का स्वाद हल्का बदल सकता है अगर वह लंबे समय तक स्टोर की जाए.
हालांकि आधुनिक बीयर कंपनियां अब दोनों पैकेजिंग में अच्छी क्वालिटी बनाए रखने के उपाय करती हैं.
कीमत में क्या है फर्क?
बीयर कैन और बोतल की कीमतें अक्सर ब्रांड, साइज और राज्य के टैक्स नियमों पर निर्भर करती हैं. लेकिन मोटे तौर पर कहा जाए तो कैन अक्सर थोड़ी महंगी पड़ती है.
उदाहरण:
- एक मशहूर कंपनी की 500 ml कैन की कीमत ₹150 है. इसका मतलब प्रति मिलीलीटर लागत ₹0.30 है.
- वहीं उसी कंपनी की 650 ml बोतल की कीमत ₹195 है. यानी प्रति मिलीलीटर लागत फिर भी ₹0.30 ही हुई.
यह तुलना बताती है कि दोनों में अंतर नहीं है. लेकिन हर कंपनी में यह फर्क एक जैसा नहीं होता.
हरियाणा के उदाहरण से समझें:
- Budweiser Magnum या Light (650 ml बोतल) की कीमत ₹230 है.
- वहीं Budweiser (550 ml बोतल) की कीमत भी ₹230 है.
यहां 100 ml कम बीयर मिलने के बावजूद कीमत एक जैसी है. यानी कम मात्रा में ज्यादा पैसा देना.
कैन या बोतल – पर्यावरण के नजरिए से कौन बेहतर?
पर्यावरण के दृष्टिकोण से बात करें तो दोनों की अपनी चुनौतियां हैं:
- कैन एल्यूमिनियम से बनती है, जो रीसायकल तो हो सकती है. लेकिन इसके उत्पादन में भारी ऊर्जा खर्च होती है.
- कांच की बोतलें बार-बार रीयूज़ की जा सकती हैं. लेकिन इनका वजन ज्यादा होता है जिससे ट्रांसपोर्ट में ज्यादा कार्बन उत्सर्जन होता है.
इसलिए पर्यावरण प्रेमियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प वही होता है जिसे बार-बार रीयूज़ किया जा सके या स्थानीय स्तर पर रिसाइकिल करना आसान हो.