Savings Account Interest: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 9 अप्रैल 2025 को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स (0.25%) की कटौती की थी. इसके तुरंत बाद ICICI, HDFC, Axis Bank समेत कई प्रमुख बैंकों ने बचत खातों (Saving Account) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया. यह बदलाव सीधे आम ग्राहकों की बचत पर असर डालने वाला है.
ICICI बैंक: बड़ी राशि पर भी कम ब्याज
ICICI Bank ने ₹50 लाख तक की बचत पर ब्याज 3% से घटाकर 2.75% कर दिया है. वहीं, ₹50 लाख या उससे अधिक की राशि पर ब्याज 3.5% से घटाकर 3.25% कर दिया गया है. ये दरें दैनिक बैलेंस के आधार पर लागू होंगी.
HDFC Bank: अब सेविंग अकाउंट से कम होगी कमाई
HDFC Bank ने भी 12 अप्रैल 2025 से नई ब्याज दरें लागू की हैं. ₹50 लाख से कम की राशि पर अब 2.75% जबकि ₹50 लाख से अधिक पर 3.25% का ब्याज मिलेगा. इससे लाखों ग्राहकों के रिटर्न में गिरावट आएगी.
Axis Bank: तीन स्लैब में बांटी ब्याज दरें
Axis Bank ने 15 अप्रैल 2025 से ब्याज दरें बदली हैं.
- ₹50 लाख से कम पर: 2.75% ब्याज
- ₹50 लाख से ₹2,000 करोड़: 3.25% ब्याज
- ₹2,000 करोड़ से अधिक: MIBOR + 0.70% (ओवरनाइट रेट)
यस बैंक: सबसे ज्यादा ब्याज, लेकिन रिस्क?
Yes Bank ने अन्य बैंकों से हटकर अब भी उच्च ब्याज दरें दी हैं.
- ₹10 लाख तक: 3%
- ₹10 से ₹25 लाख: 3.5%
- ₹25 से ₹50 लाख: 4%
- ₹50 लाख से ₹100 करोड़: 5% ब्याज
यह दरें अन्य बैंकों से ज्यादा हैं, लेकिन ग्राहकों को बैंक की विश्वसनीयता पर विचार जरूर करना चाहिए.
Kotak Mahindra Bank: मध्य मार्ग की नीति
कोटक बैंक ₹50 लाख तक की राशि पर 3%, और उससे अधिक पर 3.5% की ब्याज दर देता है. ये दरें HDFC और ICICI से बेहतर हैं, लेकिन यस बैंक जितनी आकर्षक नहीं.
छोटी बचत पर बड़ा असर
मान लीजिए किसी ग्राहक के खाते में ₹10 लाख जमा है, तो 0.25% की कमी से वह सालाना ₹2,500 कम ब्याज पाएगा. यह रकम देखने में छोटी है, लेकिन लंबी अवधि में भारी नुकसान का कारण बन सकती है.
निवेशकों के लिए जरूरी सुझाव
- ब्याज दरों की तुलना करें: यस बैंक, कोटक जैसे कुछ बैंक अब भी आकर्षक ब्याज दे रहे हैं.
- अन्य विकल्पों पर विचार करें: FD, RD, PPF, Mutual Funds, SGBs जैसे विकल्प ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं.
- फाइनेंशियल प्लानिंग करें: सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बैंक की विश्वसनीयता, डिजिटल सुविधा, ग्राहक सेवा और सुरक्षा को भी प्राथमिकता दें.
बैंकों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा
बचत खातों पर ब्याज दरों में कटौती के इस दौर में कुछ बैंक प्रतिस्पर्धात्मक दरें देकर ज्यादा ग्राहकों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यस बैंक इसका उदाहरण है. ग्राहकों को चाहिए कि वे अपने पैसों को बेहतर ब्याज देने वाले बैंकों में विभाजित करें.