Electricity Rates Hike: उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई में बिजली के बिल में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने जून के बिल में औसतन 20 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त वसूली को लेकर नियामक आयोग से अनुमति प्राप्त कर ली है. यह वसूली पिछले तीन माह की बिजली खरीद और लागत के अंतर को लेकर की जाएगी.
तीन महीने की बिजली खरीद के अंतर की होगी वसूली
UPCL ने आयोग के सामने यह तर्क रखा कि अक्तूबर से दिसंबर 2024 के बीच एफपीपीसीए (Fuel and Power Purchase Cost Adjustment) के तहत उपभोक्ताओं से लगभग 35 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई थी, जबकि इस अवधि में बिजली खरीद की कुल लागत 57.73 करोड़ रुपये रही.
इस हिसाब से 22.73 करोड़ रुपये का अंतर बचा रह गया. जिसकी वसूली के लिए निगम ने आयोग से स्वीकृति की मांग की थी.
आयोग ने दी सशर्त मंजूरी, जुलाई बिल में लगेगा अतिरिक्त चार्ज
नियामक आयोग के अध्यक्ष एम.एल. प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने UPCL को जून के बिजली बिल में 22.73 करोड़ रुपये की राशि जोड़कर जुलाई में उपभोक्ताओं से वसूली की अनुमति दे दी है. हालांकि आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि चूंकि माहवार ऑडिट डेटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस वसूली को अलग से रिकॉर्ड में रखा जाए और इसे अंतिम न मानकर अस्थायी समझा जाए.
एक माह के लिए ही लागू रहेगी यह बढ़ोतरी
यह बढ़ोतरी स्थायी नहीं होगी, बल्कि केवल एक माह के लिए लागू की जाएगी. बिजली दरों में औसतन 20 से 22 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि उपभोक्ताओं को जुलाई के बिल में देखने को मिलेगी. यह वृद्धि एफपीपीसीए के अंतर्गत की जा रही एक बार की रिकवरी के कारण हो रही है.
एफपीपीसीए क्या है और कैसे होता है असर?
फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) एक ऐसा सिस्टम है, जिसके तहत बिजली कंपनियां हर महीने अपनी बिजली खरीद की लागत के आधार पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त वसूली या छूट देती हैं. अगर बिजली की खरीद निश्चित दर से ज्यादा कीमत पर होती है, तो कंपनियां उपभोक्ताओं से रिकवरी करती हैं. वहीं अगर सस्ती दर पर बिजली खरीदी जाती है, तो उपभोक्ताओं को छूट दी जाती है.
वर्तमान बिजली आपूर्ति और मांग की स्थिति
इन दिनों राज्य में मौसम थोड़ा नरम बना हुआ है. जिसके कारण बिजली की मांग में करीब 50 से 80 लाख यूनिट की कमी आई है. वर्तमान में राज्य की बिजली मांग 4.9 करोड़ यूनिट प्रतिदिन है. इस मांग को पूरा करने के लिए UPCL को केंद्रीय पूल से 2.2 करोड़ यूनिट और राज्य के अपने प्लांट्स से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है. बाकी की जरूरत को पूरा करने के लिए निगम हर दिन बाजार से लगभग तीन करोड़ यूनिट बिजली खरीद रहा है.
फिलहाल नहीं हो रही बिजली कटौती: UPCL
UPCL का दावा है कि बिजली की आपूर्ति सुचारु है और फिलहाल राज्य में कहीं भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है. निगम के अनुसार बाजार से लगातार बिजली खरीद की जा रही है ताकि उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति दी जा सके.
उपभोक्ताओं के लिए क्या है असर?
यह एकमुश्त वृद्धि भले ही स्थायी नहीं है. लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि बिजली खरीद की लागत में थोड़ी सी अस्थिरता भी आम लोगों की जेब पर असर डाल सकती है. जुलाई का बिल आने पर उपभोक्ताओं को प्रत्येक यूनिट पर लगभग 20 पैसे ज्यादा भुगतान करना होगा, जो बड़े उपभोग वाले उपभोक्ताओं के लिए अच्छी-खासी रकम में तब्दील हो सकता है.