UPI New Rules : अगर आप मोबाइल से पेमेंट करते हैं, बैलेंस चेक करते हैं या UPI ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अगस्त 2025 से कुछ नियम आपकी आदत बदल सकते हैं।
NPCI ने UPI सिस्टम को अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो हर UPI यूज़र पर सीधा असर डालेंगी।
क्यों जरूरी हुए UPI के नए नियम?
आज देश में हर महीने 18 अरब से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, और हर सेकंड 7000 से अधिक लेनदेन हो रहे हैं। इस तेज़ी से बढ़ती लोड ने सिस्टम को बार-बार डाउन किया है।
मार्च-अप्रैल 2025 के बीच 18 दिनों में 4 बार UPI ठप पड़ा, जिसमें 12 अप्रैल को 5 घंटे का सबसे बड़ा आउटेज हुआ।
जांच में सामने आया कि कई बैंक बार-बार एक ही ट्रांजैक्शन के लिए ‘ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक’ API कॉल कर रहे थे, जिससे सिस्टम पर भारी दबाव पड़ा। इस वजह से NPCI ने API यूसेज लिमिट लागू करने का फैसला लिया।
दिन में सिर्फ 50 बार ही देख सकेंगे बैंक बैलेंस
अब कोई भी व्यक्ति एक दिन में एक UPI ऐप से अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेगा।
अगर आप हर पेमेंट के बाद बैलेंस चेक करते हैं, तो अब इस लिमिट का पालन जरूरी होगा, वरना बैलेंस देखना बंद हो सकता है।
लिंक्ड अकाउंट देखने की सीमा 25 बार तय
अगर आप बार-बार यह चेक करते हैं कि आपके मोबाइल से कौन-कौन से अकाउंट लिंक हैं, तो अब यह काम सिर्फ 25 बार प्रति दिन प्रति ऐप किया जा सकेगा।
ऑटोपे अब सिर्फ ऑफ-पीक समय में ही होगा प्रोसेस
Netflix, SIP और EMI जैसे ऑटोपे ट्रांजैक्शन अब सिर्फ तीन निर्धारित समय स्लॉट में ही प्रोसेस होंगे:
- सुबह 10 बजे से पहले
- दोपहर 1 से 5 बजे के बीच
- रात 9:30 बजे के बाद
इससे पीक आवर्स में सिस्टम का लोड घटेगा, और UPI सर्विस अधिक स्थिर रहेगी।
ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक पर भी लगी सीमा
अब बैंक किसी ट्रांजैक्शन की स्थिति सिर्फ 2 घंटे में अधिकतम 3 बार ही चेक कर पाएंगे। साथ ही हर रिक्वेस्ट के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर अनिवार्य होगा।
हर ट्रांजैक्शन के साथ मिलेगा बैलेंस अपडेट
अब से हर सफल ट्रांजैक्शन के साथ बैंक को बैलेंस नोटिफिकेशन भेजना अनिवार्य होगा। इससे यूजर्स को बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं होगी।
आपकी आदतों में बदलाव जरूरी
अगर आप बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत रखते हैं, तो अब आपको इसे बदलना होगा।
कुछ UPI ऐप बैकग्राउंड में ऑटोमैटिक चेक करते हैं, जिससे लिमिट जल्दी खत्म हो सकती है और आपको असुविधा हो सकती है।
इसीलिए NPCI ने ट्रांजैक्शन के साथ बैलेंस अलर्ट अनिवार्य कर दिया है।
ऑटोपे का समय बदलेगा, यूज़र को रहना होगा फ्लेक्सिबल
अगर आपकी EMI या SIP रात में कटती थी, तो अब यह दोपहर में भी प्रोसेस हो सकती है।
यूजर्स को अपने ऑटोपे समय को लेकर लचीलापन दिखाना पड़ेगा, ताकि सिस्टम स्थिर रह सके।
नियम तोड़ने पर ऐप्स और बैंकों पर होगी कार्रवाई
NPCI ने साफ किया है कि अगर कोई PSP बैंक या ऐप इन गाइडलाइंस का पालन नहीं करता, तो उस पर जुर्माना, नए यूज़र्स पर रोक या API एक्सेस में कटौती जैसी सख्त कार्रवाइयां की जाएंगी।
साथ ही सभी बैंक और ऐप्स को 31 अगस्त 2025 तक NPCI को अंडरटेकिंग देनी होगी कि उनके सिस्टम में नए नियम लागू कर दिए गए हैं।