Traffic Challan: उत्तर प्रदेश में यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब जुर्माना भरने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राज्य के परिवहन विभाग ने एक नई डिजिटल व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है. इसके तहत प्रवर्तन अधिकारियों को ‘प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें’ सौंपी जाएंगी. जिनकी मदद से ड्राइवर मौके पर ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए जुर्माना अदा कर सकेंगे.
अब तक चालान कटने पर वाहन स्वामी को चालान की रसीद थमा दी जाती थी और फिर उन्हें आरटीओ ऑफिस जाकर कैश काउंटर पर भुगतान करना होता था. लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब यह पूरा प्रोसेस मौके पर ही डिजिटल रूप से पूरा हो सकेगा.
टैक्स और फीस का भुगतान भी अब होगा कैशलेस
सिर्फ चालान ही नहीं, अब वाहन स्वामी को टैक्स और अन्य शुल्क जैसे री-रजिस्ट्रेशन फीस आदि भरने के लिए भी कैश की जरूरत नहीं होगी. आरटीओ कार्यालयों में भी प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें लगाई जाएंगी. जिनसे नागरिक क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकेंगे. इस सुविधा से सरकारी लेन-देन अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेंगे. परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि भविष्य में सभी लेन-देन डिजिटल हों ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके और लोगों को अधिक सुविधा मिले.
लखनऊ और गाजियाबाद में शुरू हुआ ट्रायल
इस नई व्यवस्था का ट्रायल सबसे पहले लखनऊ और गाजियाबाद में किया जा रहा है.
लखनऊ आरटीओ कार्यालय को फिलहाल 9 पीओएस मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. अधिकारियों के अनुसार जरूरत के अनुसार और मशीनें भी दी जाएंगी. परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने निर्देश दिया है कि ट्रायल जल्द से जल्द पूरा करके इसे पूरे राज्य में लागू किया जाए. ट्रायल के दौरान यह जांचा जा रहा है कि:
- जिस मद में भुगतान किया जा रहा है, वह सही खाते में जमा हो रहा है या नहीं
- कार्ड से पैसा कटने से लेकर जमा होने में कितना समय लग रहा है
- एक ट्रांजैक्शन में मशीन कितना समय ले रही है
इन सभी तकनीकी पहलुओं की गहन जांच के बाद ही फुल स्केल पर मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा.
अधिकारी बोले- जल्द शुरू होगा इस्तेमाल
लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह ने जानकारी दी कि पीओएस मशीनें विभाग को प्राप्त हो चुकी हैं. ट्रायल प्रक्रिया पूरी होने के बाद वाहन चालकों को यह सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी. यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि मशीनें सुचारू रूप से कार्य करें, ताकि ड्राइवर या वाहन स्वामी को कोई तकनीकी दिक्कत न हो.
जनता को क्या मिलेगा फायदा?
- मौके पर ही चालान भरने की सुविधा
- लंबी लाइन और कैश काउंटर से मुक्ति
- डिजिटल ट्रांजैक्शन से पारदर्शिता में इजाफा
- आरटीओ ऑफिस का समय और दौड़-भाग बचेगी