Madarsa New Rules: उत्तर प्रदेश के दीनी मदरसों में प्रवेश प्रक्रिया अब पूरी तरह से दस्तावेजों के आधार पर होगी. नए नियमों के तहत अब बिना आधार कार्ड और शपथ पत्र के किसी भी छात्र का दाखिला नहीं लिया जाएगा. यह फैसला जमीअत उलमा-ए-हिंद की सेंट्रल जोन की बैठक में लिया गया है.
मदरसे में बच्चे के साथ अभिभावक का आधार भी अनिवार्य
बैठक में साफ किया गया कि अब मदरसे में प्रवेश के लिए छात्र और उसके अभिभावक दोनों का आधार कार्ड अनिवार्य होगा. यह कदम पारदर्शिता और सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है.
शपथ पत्र देना भी होगा जरूरी, दबाव से इनकार करना होगा
प्रवेश के समय अभिभावक से शपथ पत्र भी लिया जाएगा. जिसमें लिखा होगा कि वे बिना किसी दबाव के अपने बच्चे का मदरसे में दाखिला करवा रहे हैं. इससे भविष्य में किसी विवाद की संभावना नहीं रहेगी.
बाहरी राज्यों के छात्रों पर विशेष सतर्कता
अगर कोई छात्र दूसरे जिले या राज्य से आता है, तो उसका पूरा सत्यापन किया जाएगा. आधार के अतिरिक्त उसके अन्य दस्तावेजों की जांच भी जरूरी होगी. इसका उद्देश्य छात्रों की पहचान और पृष्ठभूमि की स्पष्टता बनाए रखना है.
मदरसों के संचालन को लेकर भी दिए गए निर्देश
मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्ला कासिमी ने बताया कि अब मदरसों का संचालन सोसाइटी पंजीकरण के तहत करना जरूरी होगा. इससे उनकी पहचान और व्यवस्था स्पष्ट बनी रहेगी.
RTE कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी भी जरूरी
चूंकि दीनी मदरसे RTE (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के दायरे में नहीं आते. इसलिए संचालकों को सलाह दी गई है कि यदि कोई इस विषय में सवाल करे, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश और RTE एक्ट की जानकारी दी जाए. इसके लिए मदरसों को एक किट भी दी गई है. जिसमें सभी आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां हैं.
सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी पर विशेष फोकस
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब छात्रावास, रसोई घर और अग्निशमन प्रणाली की स्थिति पर विशेष ध्यान देना होगा.
- फायर सेफ्टी उपकरण हमेशा कार्यरत रहें
- सभी कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए
मदरसों की आंतरिक व्यवस्था में भी होगा सुधार
बैठक में यह भी कहा गया कि मदरसों की शिक्षा प्रणाली, प्रशासन और अनुशासन को बेहतर बनाने के लिए सभी संचालक मिलकर काम करें. दस्तावेज़ों को समय पर अपडेट रखें और शिक्षा का स्तर सुधारें.