Haryana BPL Scheme: हरियाणा सरकार ने राज्य के कम आय वाले परिवारों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ परिवार पहचान पत्र (PPP) के माध्यम से मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को इस योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
परिवार पहचान पत्र योजना से जुड़े नए लाभ
परिवार पहचान पत्र योजना (PPP Scheme) के अंतर्गत अब राज्य सरकार बीपीएल श्रेणी के लिए अलग से योजनाएं लागू कर रही है। ये योजनाएं न केवल आर्थिक मदद देंगी, बल्कि स्वास्थ्य, राशन और शिक्षा के क्षेत्र में भी राहत पहुंचाएंगी।
BPL राशन कार्ड मिलेगा कम आय वाले परिवारों को
सरकार ने ऐलान किया है कि जिन परिवारों की सालाना आय ₹1.80 लाख से कम है, उन्हें बीपीएल राशन कार्ड (BPL Ration Card) जारी किया जाएगा।
- इसके तहत उन्हें रियायती दरों पर अनाज और जरूरी वस्तुएं मिलेंगी।
- राशन डिपो पर आधार और परिवार पहचान पत्र दिखाकर ये सुविधाएं ली जा सकेंगी।
मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी योजना में शामिल
राज्य सरकार कम आय वाले परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा भी देने जा रही है।
- सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर ये सेवाएं दी जाएंगी।
- बीपीएल श्रेणी के परिवारों को सर्जरी, दवाइयां, जांच आदि में कोई शुल्क नहीं देना होगा।
शिक्षा में भी सरकार करेगी मदद
1.80 लाख रुपये से कम कमाई वाले परिवारों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा, वर्दी, किताबें और छात्रवृत्ति मिलेगी।
- इससे बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने वाला आर्थिक भार कम होगा।
- सरकार उच्च शिक्षा के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं भी शुरू करने की तैयारी में है।
घोषणाओं की शुरुआत कहां से हुई ?
यह घोषणा चंडीगढ़ से की गई, जहां सरकार ने प्रेस वार्ता के माध्यम से इन योजनाओं का ब्लूप्रिंट साझा किया। अधिकारियों ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर ही लाभार्थियों की पहचान की जाएगी।
PPP से कैसे जुड़े रहें ?
- जिन परिवारों ने अब तक परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाया है, वे saralharyana.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
- जिनका पहचान पत्र पहले से है, वे उसमें अपनी आय और सदस्य जानकारी अपडेट रखें, जिससे सभी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
सरकार की मंशा अंतिम पंक्ति तक पहुंचे लाभ
सरकार का कहना है कि इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ना है। डिजिटल डेटा के माध्यम से योजनाएं अब सीधे पात्र परिवारों तक पहुंचाई जाएंगी और बिचौलियों की भूमिका खत्म की जाएगी।