Petrol Diesel Quality: पेट्रोल और डीजल हमारे वाहनों की जान हैं. अगर फ्यूल की क्वालिटी खराब है तो इसका सीधा असर वाहन की परफॉर्मेंस और उसकी उम्र पर पड़ता है. मिलावटी फ्यूल इंजन की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है माइलेज कम कर सकता है और धीरे-धीरे इंजन को पूरी तरह से खराब भी कर सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि आप समय-समय पर पेट्रोल या डीजल की शुद्धता की जांच करें. ताकि वाहन को होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
घर बैठे पेट्रोल में मिलावट की जांच का आसान तरीका
अगर आपको संदेह है कि पेट्रोल में मिलावट है तो आप घर बैठे एक छोटा सा टेस्ट कर सकते हैं. इसके लिए आपको किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होगी.
कैसे करें टेस्ट:
- पेट्रोल पंप से एक फिल्टर पेपर या सादा सफेद कागज लें.
- उस पर कुछ बूंदें पेट्रोल की गिराएं.
- अब उसे कुछ समय के लिए सूखने दें.
परिणाम क्या बताता है:
- अगर पेट्रोल शुद्ध है तो वह जल्दी उड़ जाएगा और कागज पर कोई दाग नहीं छोड़ेगा.
- अगर कागज पर तेल जैसा निशान या धब्बा रह जाता है तो समझ जाइए कि पेट्रोल में मिलावट हो सकती है.
डेंसिटी टेस्ट: फ्यूल की शुद्धता जांचने का वैज्ञानिक तरीका
पेट्रोल-डीजल की शुद्धता जांचने का एक और तरीका है डेंसिटी टेस्ट. यह थोड़ा तकनीकी है लेकिन पेट्रोल पंप पर आप इसकी जानकारी ले सकते हैं.
क्या है डेंसिटी टेस्ट:
- हर पेट्रोल पंप पर एक डेंसिटी मीटर होता है.
- सरकार ने पेट्रोल और डीजल की मानक डेंसिटी तय की हुई है जैसे पेट्रोल की सामान्य डेंसिटी करीब 0.730-0.780 kg/L होती है.
- आप पंप पर जाकर यह पूछ सकते हैं कि डेंसिटी कितनी है और उसे वहां के मीटर से मिलाएं.
डेंसिटी अगर तय सीमा से ऊपर या नीचे है तो यह मिलावट की ओर इशारा करता है.
डीजल में मिलावट की पहचान कैसे करें?
डीजल में अक्सर केरोसिन या मिनरल ऑयल जैसी चीजों की मिलावट की जाती है. क्योंकि वे सस्ते होते हैं.
घरेलू तरीका:
- एक कांच की साफ बोतल में थोड़ा सा डीजल लें.
- उसमें थोड़ा सा पानी डालें और बोतल को हिलाएं.
- अगर पानी नीचे बैठ जाए और डीजल ऊपर तैरता रहे तो यह सामान्य है.
- लेकिन अगर पानी और डीजल के बीच कोई धुंधली परत बन रही है या मिश्रण गड़बड़ दिख रहा है तो मिलावट हो सकती है.
इन संकेतों से भी पहचानें मिलावटी फ्यूल
कुछ लक्षण हैं जो यह संकेत देते हैं कि आपके वाहन में भरा गया फ्यूल शुद्ध नहीं है:
- वाहन का पिकअप अचानक कम हो जाना
- इंजन से असामान्य आवाजें आना
- अचानक माइलेज कम हो जाना
- ब्लैक स्मोक यानी काले धुएं का अधिक निकलना
- स्पार्क प्लग बार-बार खराब होना
अगर ऐसे संकेत बार-बार आ रहे हैं तो समझ लीजिए कि पेट्रोल या डीजल की गुणवत्ता ठीक नहीं है.
मिलावट की शिकायत कहां करें?
अगर आपको किसी पेट्रोल पंप पर मिलावटी फ्यूल मिलने का संदेह है तो आप इसकी शिकायत सीधे कर सकते हैं.
शिकायत करने के विकल्प:
- पेट्रोल पंप पर मौजूद कंट्रोल रूम नंबर पर संपर्क करें
- भारत सरकार की पेट्रोलियम मंत्रालय की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें
- आप Oil Marketing Companies (OMCs) जैसे IOC BPCL या HPCL की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए भी शिकायत कर सकते हैं
ध्यान दें: शिकायत करते समय बिल जरूर लें और दिन समय और पंप का नाम नोट करें. इससे जांच में तेजी आती है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
भारत सरकार मिलावट रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
- हर पेट्रोल पंप पर अब डेंसिटी चार्ट और मीटर अनिवार्य कर दिया गया है.
- मिलावट पाए जाने पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.
- फ्यूल भरवाते समय ग्राहक को डेंसिटी और गुणवत्ता जांचने का पूरा अधिकार है.
खुद रहें जागरूक
आजकल हर व्यक्ति के पास वाहन है. लेकिन बहुत कम लोग फ्यूल की क्वालिटी की जांच करते हैं. यदि आप थोड़ी सी सतर्कता बरतें और उपरोक्त तरीकों को अपनाएं तो अपने वाहन की उम्र और परफॉर्मेंस दोनों को बनाए रख सकते हैं.
पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता की जानकारी सिर्फ विशेषज्ञों के लिए नहीं है. अब हर आम आदमी इसे खुद जांच सकता है और अपने अधिकारों का उपयोग कर सकता है.