Old Pension Scheme: उत्तर प्रदेश के हजारों शिक्षकों के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आई है. राज्य सरकार 22 अप्रैल 2025 को एक अहम बैठक करने जा रही है. जिसमें 46,189 विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ देने पर चर्चा की जाएगी.
बैठक में शिक्षा, वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग के प्रमुख सचिव एक साथ शामिल होंगे. माना जा रहा है कि वर्षों से लंबित इस मांग पर अब कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह प्रदेश के हजारों शिक्षक परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक राहत होगी.
कैसे शुरू हुई यह पेंशन विवाद की कहानी
साल जनवरी 2004 में उत्तर प्रदेश में बीएड धारकों के लिए बेसिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. बाद में इसे फरवरी 2004 में संशोधित भी किया गया. चयनित अभ्यर्थियों को छह महीने का प्रशिक्षण देना तय किया गया, लेकिन प्रशिक्षण की व्यवस्था तीन चरणों में की गई. जिससे देर हुई और नियुक्ति की प्रक्रिया दिसंबर 2005 में पूरी हुई.
अगर प्रशिक्षण सभी को एकसाथ दिया गया होता, तो नियुक्ति प्रक्रिया जनवरी 2005 में ही पूरी हो सकती थी. इस विलंब के कारण ही हजारों शिक्षक नई पेंशन योजना (NPS) के दायरे में आ गए. जबकि उनका विज्ञापन पुरानी पेंशन योजना के समय निकला था.
1 अप्रैल 2005 बना शिक्षकों के भविष्य की रेखा
उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी, जो कि केंद्र सरकार की नीति पर आधारित थी. लेकिन चूंकि इन शिक्षकों की नियुक्ति दिसंबर 2005 में हुई. इसलिए इन्हें भी नई पेंशन योजना में डाल दिया गया. शिक्षकों का कहना है कि देरी उनकी नहीं. बल्कि विभागीय प्रक्रिया की वजह से हुई. इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन का हक मिलना चाहिए. इसी बात को लेकर ये शिक्षक लगातार संघर्ष और आंदोलन करते रहे हैं.
अदालतों से भी मिला समर्थन
इस मामले को लेकर शिक्षक हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सरकार पर छोड़ते हुए मेरिट के आधार पर निर्णय लेने को कहा था. हाल ही में कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि अगर किसी पद का विज्ञापन पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होने से पहले आया है, तो नियुक्त व्यक्ति को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए. इस आदेश के बाद केंद्र सरकार ने भी ऐसे मामलों में पुरानी पेंशन लागू करने की अनुमति दी है. जिसे अब उत्तर प्रदेश सरकार भी विवेचना के आधार पर लागू करने की सोच रही है.
अब 22 अप्रैल को फैसला संभव
अब सभी की निगाहें 22 अप्रैल को होने वाली बैठक पर टिकी हुई हैं. इस बैठक में शिक्षा, वित्त, कार्मिक और न्याय विभाग के प्रमुख सचिव एक साथ बैठकर पुरानी पेंशन योजना पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं. शिक्षकों की मांग है कि विज्ञापन तिथि को आधार बनाकर पेंशन योजना तय की जाए, ना कि नियुक्ति की तिथि को. जबकि कुछ अधिकारी अब भी पुराने कोर्ट ऑर्डर का हवाला देकर इसमें बदलाव को गैर-ज़रूरी मानते हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के बाद सरकार के पास भी अब यह विकल्प खुला है कि वह शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार कर एक ऐतिहासिक फैसला ले.
अगर फैसला आया तो किन्हें होगा फायदा?
अगर सरकार 22 अप्रैल को पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला करती है, तो इसका सीधा लाभ मिलेगा:
- 46,189 विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को
- इनके परिवारों को भविष्य की सुरक्षा मिलेगी
- इससे प्रदेश के अन्य ऐसे कर्मचारी भी लाभान्वित हो सकते हैं जिनके विज्ञापन पुराने हैं लेकिन नियुक्ति बाद में हुई
- पेंशन को लेकर चल रही कानूनी जटिलताएं भी खत्म होंगी
यह फैसला न केवल आर्थिक राहत देगा बल्कि शिक्षकों के मनोबल को भी मजबूत करेगा. जिससे शिक्षा व्यवस्था में भी सकारात्मक असर पड़ेगा.
शिक्षक संगठनों ने जताई उम्मीद
उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठन इस बैठक को लेकर काफी आशान्वित हैं. उनका कहना है कि सरकार को अब और देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह मामला पूर्ण रूप से न्यायसंगत है. वहीं संगठन यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर सरकार ने सकारात्मक फैसला नहीं लिया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन के लिए भी तैयार हैं. अभी तक सरकार ने भी इस विषय पर गंभीरता दिखाई है, और सभी संबंधित विभागों को संयुक्त बैठक में बुलाया गया है.