लोन ईएमआई भरने में हो रही है प्रॉब्लम, बैंक एक्शन से पहले कर लेना ये काम Loan EMI Rules

Loan EMI Rules: अगर आपकी EMI चुकाने में परेशानी आ रही है, तो पहला कदम अपने बैंक या लोन देने वाले संस्थान से बात करना होना चाहिए।
बैंक को पहले से सूचित करने पर वे EMI टालने (मोरेटोरियम) या EMI कम करने का विकल्प दे सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी EMI ₹10,000 है, तो आप री-शेड्यूलिंग की बात कर सकते हैं। इससे सिबिल स्कोर खराब होने से बचता है।
ध्यान रहे, EMI टालने की स्थिति में ब्याज बढ़ सकता है, इसलिए बैंक से पूरी जानकारी लेकर ही निर्णय लें।

लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प अपनाएं

अगर आपको लग रहा है कि लंबे समय तक आपकी आय स्थिर नहीं रहेगी, तो लोन रिस्ट्रक्चरिंग कराना एक सही फैसला हो सकता है।
इसमें आप EMI की राशि घटवाने के लिए लोन अवधि बढ़वाने की अपील कर सकते हैं।
मान लीजिए आपने 5 साल का लोन लिया है, तो उसे 7 साल तक बढ़वाया जा सकता है, जिससे EMI कम हो जाती है।
बैंक आपकी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करेगा, इसलिए पहले ही संपर्क करना फायदेमंद रहेगा।

दूसरा लोन लेने की गलती न करें

EMI चुकाने के लिए नया लोन लेना एक बड़ा जोखिम हो सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है क्योंकि फिर दोनों लोन की EMI भरनी पड़ेगी।
इसकी बजाय, गैर-ज़रूरी खर्चों में कटौती करें और कोई अतिरिक्त आय का स्रोत खोजने की कोशिश करें।
इससे न केवल आप मौजूदा लोन चुका पाएंगे, बल्कि सिबिल स्कोर को भी सुरक्षित रख सकेंगे।

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क्रेडिट काउंसलर की मदद लें

अगर समस्या गंभीर है, तो किसी क्रेडिट काउंसलर की मदद लेना समझदारी होगी।
वे आपकी आय-व्यय को समझकर एक बेहतर वित्तीय योजना बनाने में मदद करेंगे।
भारत में कई गैर-लाभकारी संस्थाएं मुफ्त काउंसलिंग देती हैं जो बैंक से बातचीत में भी आपकी मदद कर सकती हैं।
यह उपाय आपको मानसिक तनाव से राहत देने के साथ-साथ सिबिल स्कोर सुरक्षित रखने में भी मददगार है।

EMI टालने और रिस्ट्रक्चरिंग का असर जानिए

विकल्पलाभध्यान देने वाली बात
मोरेटोरियमकुछ महीनों के लिए EMI स्थगितब्याज बढ़ सकता है, सिबिल स्कोर पर हल्का असर
रिस्ट्रक्चरिंगEMI कम, लोन अवधि बढ़ सकती हैप्रोसेसिंग फीस लग सकती है
क्रेडिट काउंसलिंगविशेषज्ञ से सही मार्गदर्शनविश्वसनीय काउंसलर चुनना जरूरी

घबराएं नहीं समझदारी से निर्णय लें

EMI समय पर न भर पाने की स्थिति में घबराने के बजाय समझदारी से कदम उठाएं।

  • बैंक से खुलकर बात करें
  • खर्चों पर नियंत्रण रखें
  • कर्ज से बचने की योजना बनाएं
  • विशेषज्ञ सलाह लें

इस तरह के छोटे लेकिन अहम फैसले आपके सिबिल स्कोर को सुरक्षित रख सकते हैं और भविष्य में लोन प्राप्त करना आसान बना सकते हैं।

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