नीलामी में बैंकों के नाम हुई जमीन मिलेगी वापस, खुशी से झूम उठे किसान Interest Relief Scheme

Interest Relief Scheme: राजस्थान में आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी भूमि विकास बैंकों और उनके पुराने कर्जदार किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत योजना को मंजूरी मिल गई है। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद यह एकमुश्त समझौता योजना (OTS – One Time Settlement Scheme) अब तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत वे किसान जिनकी जमीनें ऋण चुकता न होने की स्थिति में बैंकों के पास गिरवी रखी गई थीं या नीलामी में चली गई थीं. अब उन्हें दोबारा अपनी जमीन वापस पाने का मौका मिलेगा।

कौन-कौन होंगे योजना के पात्र?

सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने जानकारी दी कि यह योजना उन सभी किसानों के लिए लागू होगी,

  • जिनके कर्ज 1 जुलाई 2024 तक अवधिपार (overdue) हो चुके हैं।
  • जिनकी जमीन नीलामी में बैंक के नाम हो चुकी है।
  • जिन किसानों ने कर्ज लिया था लेकिन वे अब मृतक हो चुके हैं उनके उत्तराधिकारी भी योजना का लाभ ले सकेंगे।

इस योजना के तहत यदि किसान मूलधन और बीमा प्रीमियम की पूरी राशि जमा करता है तो ब्याज की 100% माफी दी जाएगी। यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से एक बड़ी राहत है।

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गिरवी और नीलाम जमीनें भी लौटेंगी किसानों को

एक बड़ी बात यह है कि जिन किसानों की जमीनें ऋण नहीं चुका पाने के कारण नीलामी में भूमि विकास बैंक के नाम हो चुकी थीं. अब उन्हें भी अपनी जमीन वापस लेने का मौका मिलेगा।
इसके लिए किसानों को योजना में निर्धारित शर्तों के अनुसार राशि जमा करानी होगी। सरकार का यह निर्णय किसानों के भूमि स्वामित्व के अधिकार को पुनर्स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

मृतक किसानों के उत्तराधिकारी भी होंगे योजना के दायरे में

अक्सर देखा जाता है कि किसी किसान की मृत्यु के बाद उसका ऋण और जमीन से जुड़ा मामला अधर में लटक जाता है। लेकिन इस योजना में यह स्पष्ट प्रावधान है कि मृतक ऋणियों के उत्तराधिकारी भी यदि निर्धारित राशि जमा करते हैं तो उन्हें भी जमीन वापस मिल सकती है और ऋण से मुक्ति मिल सकती है। यह कदम मानवता और संवेदनशीलता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि किसी किसान का परिवार बेघर न हो।

ब्याज माफी योजना से कम होगी किसानों की आर्थिक बोझ

किसानों को अक्सर मूलधन से ज्यादा ब्याज का बोझ परेशान करता है। समय पर कर्ज न चुका पाने की स्थिति में ब्याज इतना बढ़ जाता है कि किसान के लिए जमीन बचा पाना असंभव हो जाता है।
लेकिन इस योजना में यदि किसान मूलधन और बीमा प्रीमियम का भुगतान करता है तो पूरा ब्याज माफ कर दिया जाएगा। यह प्रावधान उन किसानों के लिए वरदान है जो कर्ज चुकाना तो चाहते हैं लेकिन ब्याज के बोझ तले दबे हुए थे।

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किसानों को मिलेंगे ये प्रमुख फायदे

  • गिरवी या नीलाम जमीन वापस पाने का मौका
  • मूलधन और बीमा जमा करने पर ब्याज में 100% छूट
  • उत्तराधिकारी को भी मिलेगा योजना का लाभ
  • किसानों को कर्ज से राहत और आत्मनिर्भरता का रास्ता

कैसे करें आवेदन? प्रक्रिया क्या होगी?

इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीकी भूमि विकास बैंक शाखा में संपर्क करना होगा। वहां से उन्हें:

  • फॉर्म लेना होगा और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे
  • बकाया मूलधन और बीमा प्रीमियम की गणना कराई जाएगी
  • तय राशि एकमुश्त या निर्धारित समयसीमा में जमा करनी होगी
  • भुगतान के बाद जमीन पर से बैंक का कब्जा समाप्त कर दिया जाएगा और दस्तावेज वापस किए जाएंगे।

सरकार इस योजना को पूर्ण पारदर्शिता और सरल प्रक्रिया के साथ लागू करने की दिशा में काम कर रही है।

राज्य सरकार का किसानों के हित में बड़ा कदम

राजस्थान में खेती से जुड़े हजारों किसान ऋण और ब्याज के चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं। ऐसे में यह योजना उन्हें एक नई शुरुआत का मौका देती है। सरकार का यह कदम सिर्फ आर्थिक नहीं. बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह पहल बताती है कि सरकार किसानों की जमीन और उनके आत्मसम्मान की महत्ता को समझती है और उनके हित में कार्यरत है।

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