New Toll Tax Policy 2025: देशभर में हर दिन लाखों लोग नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करते हैं. लेकिन इस सफर का सबसे बड़ा सिरदर्द होता है बार-बार टोल टैक्स देना. कई बार यात्रियों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, तो कई बार FASTag में बैलेंस की कमी यात्रा में बाधा बनती है. अब केंद्र सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान लाने जा रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से नई टोल नीति पर काम किया जा रहा है. जिससे यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है.
जल्द लागू हो सकती है नई टोल नीति
मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही देशभर में एक नई टोल वसूली नीति लागू की जा सकती है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन सूत्रों के अनुसार इस पर तेजी से काम हो रहा है. नई नीति का उद्देश्य टोल टैक्स की मौजूदा व्यवस्था को आसान, डिजिटल और पारदर्शी बनाना है ताकि आम जनता को बेहतर सुविधा मिल सके.
3000 रुपये में सालभर टोल फ्री सफर!
सरकार ने FASTag उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए एक नई सुविधा पर विचार किया है. इस प्रस्ताव के अनुसार यदि कोई वाहन चालक अपने FASTag को 3000 रुपये से रिचार्ज करता है, तो वह पूरे एक साल तक देश के किसी भी टोल प्लाजा पर बिना भुगतान के सफर कर सकता है.
इससे:
- बार-बार टोल कटने की परेशानी खत्म होगी
- न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होगी
- सफर में बाधा नहीं आएगी
- डिजिटल ट्रैकिंग और पारदर्शिता बनी रहेगी
फायदे में रहेंगे रोज यात्रा करने वाले लोग
यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो हर महीने एक शहर से दूसरे शहर का सफर करते हैं. चाहे ऑफिस का काम हो या पारिवारिक यात्रा, ऐसे यात्रियों को हर बार टोल देने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा लॉजिस्टिक कंपनियों, कैब और ट्रांसपोर्ट सर्विस चलाने वालों के लिए भी यह योजना बेहद लाभकारी साबित हो सकती है.
लाइफटाइम टोल फ्री विकल्प पर नहीं बनी सहमति
सरकार ने एक और विकल्प पर भी विचार किया था. जिसमें नई कार खरीदते समय 30,000 रुपये अतिरिक्त भुगतान कर 15 साल तक टोल फ्री सुविधा देने का प्रस्ताव रखा गया था. लेकिन सभी पक्षों में इस पर सहमति नहीं बन पाई. जिससे इसे फिलहाल टाल दिया गया है. इस पर टोल ऑपरेटर और वाहन निर्माताओं के बीच राजस्व बंटवारे को लेकर मतभेद बने रहे.
कंसेशनर और कांट्रेक्टर को कैसे होगा नुकसान की भरपाई?
यदि यह नीति लागू की जाती है, तो निश्चित रूप से टोल प्लाजा चलाने वाले कंसेशनर और कांट्रेक्टर को नुकसान हो सकता है. इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने डिजिटल रिकॉर्डिंग और डेटा एनालिसिस पर आधारित एक विशेष फॉर्मूला तैयार किया है.
इस फॉर्मूले के तहत:
- हर टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखा जाएगा
- कुल वाहन संख्या और अनुमानित वसूली के आधार पर नुकसान का मूल्यांकन होगा
- जितना घाटा आएगा, उसकी पूर्ति सरकार द्वारा तयशुदा रकम के रूप में की जाएगी
नई नीति से यात्रियों का सफर होगा और भी सहज
3000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करके सालभर टोल फ्री सफर करने से लोगों को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी. बल्कि उन्हें समय की भी बचत होगी. कई बार टोल प्लाजा पर नेटवर्क फेल होने या FASTag में बैलेंस की वजह से लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जिससे अब मुक्ति मिलेगी.
क्या रहेगी नई व्यवस्था की चुनौतियां?
हालांकि इस योजना के फायदे बहुत हैं. लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं:
- पूरे देश में इसे समान रूप से लागू करना
- टोल प्लाजा स्टाफ और कंसेशनर की प्रशिक्षण प्रक्रिया
- गलत वाहन डेटा या मिसयूज को रोकना
- ट्रक, बस और भारी वाहनों के लिए अलग श्रेणियों में योजना का विस्तार
इन सभी मुद्दों पर मंत्रालय की ओर से विशेष समिति काम कर रही है ताकि लागू होने से पहले सभी खामियों को दूर किया जा सके.