Tree Pension Scheme: हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और बुजुर्ग पेड़ों की देखभाल के लिए एक अनूठी योजना शुरू की है। ‘बुढ़ापा पेंशन योजना’ के तहत 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ों को पेंशन दी जा रही है। इस योजना की शुरुआत साल 2023 में की गई थी। अब सरकार ने पेंशन राशि बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति वर्ष कर दी है। यह पैसा पेड़ की देखभाल, पानी, खाद और सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।
कैसे आया ‘पेड़ों की पेंशन’ का विचार ?
हरियाणा सरकार का मकसद है कि पुराने पेड़ों को भी परिवार का सदस्य माना जाए और उनकी देखभाल ठीक उसी तरह हो, जैसे किसी बुजुर्ग की होती है।
- पेड़ हमारी सांसों, छांव और जीवन के लिए जरूरी हैं।
- बढ़ती पेड़ों की कटाई और घटते जंगलों के बीच यह पहल पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इस योजना के जरिए पेड़ों को बचाने के साथ-साथ जनता को भी उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जा रहा है।
किसे मिलेगा पेड़ों की पेंशन का लाभ ?
इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा:
- जिनके खेत, घर या संस्थान की भूमि पर 75 वर्ष या उससे अधिक पुराने पेड़ मौजूद हैं।
- पेड़ के मालिक को भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र (जैसे जमाबंदी/पेट्टा/लीज दस्तावेज) प्रस्तुत करना होगा।
- पेड़ की उम्र का प्रमाण (जैसे विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित दस्तावेज या शपथ पत्र) देना जरूरी होगा।
प्राथमिकता पारंपरिक व छायादार वृक्षों को दी जाएगी, जैसे:
- पीपल
- बरगद
- आम
- जामुन
- नीम
- बूलर
- पिलखन
आवेदन कैसे करें और कहां जमा कराएं ?
पेड़ों के पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आवेदन फॉर्म भरकर नजदीकी वन रेंज ऑफिसर या वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।
- अंतिम तिथि 30 जून 2025 शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है।
- आवेदन के साथ ये दस्तावेज जरूरी हैं:
- जमीन के स्वामित्व का प्रमाण
- पेड़ की अनुमानित आयु का प्रमाण या शपथ पत्र
- पेड़ की हाल की फोटो
- आवेदक का आधार कार्ड या वोटर आईडी
सभी आवेदनों की जांच जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी और पात्रता तय की जाएगी।
पेड़ की पेंशन राशि और भुगतान प्रक्रिया
- वर्ष 2023 में शुरुआत के समय पेड़ के लिए 2750 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन तय की गई थी।
- अब बजट 2025-26 में इसे बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।
- यह राशि सीधे उस व्यक्ति या संस्था के खाते में डाली जाएगी, जिसकी जमीन पर पेड़ मौजूद है।
- इस पैसे का उपयोग पेड़ की देखभाल, सिंचाई, खाद आपूर्ति और सुरक्षा के लिए किया जाना है।
सरकार समय-समय पर पेंशन राशि में संशोधन कर सकती है, जैसे बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में होता है।
वर्तमान में कितने पेड़ लाभान्वित हो रहे हैं ?
- इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 2021 में हरियाणा में 75 पेड़ों को चुना गया था।
- अब तक राज्यभर में 3,819 पेड़ों को पेंशन दी जा रही है।
- सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या कई गुना बढ़े।
वन विभाग का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा पुराने वृक्षों की पहचान कर उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाए।
योजना से जुड़े कुछ खास नियम
- केवल 75 साल या उससे पुराने जीवित पेड़ ही योजना में शामिल किए जाएंगे।
- पेड़ का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए, यानी वह सूखा या मृत नहीं होना चाहिए।
- आवेदन के बाद जिला स्तरीय समिति द्वारा स्थल निरीक्षण और प्रमाणन अनिवार्य है।
- एक ही जमीन पर एक से अधिक पात्र पेड़ों पर भी पेंशन मिल सकती है।
इस पहल से न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ेगी।
पेड़ों का संरक्षण परिवार का विस्तार
हरियाणा सरकार की ‘पेड़ों की बुढ़ापा पेंशन योजना’ एक अद्भुत कदम है, जो हमें यह सिखाती है कि प्रकृति भी हमारे परिवार का हिस्सा है।
- इस योजना से न केवल पुराने पेड़ों को नई जिंदगी मिलेगी, बल्कि पर्यावरणीय संकट से लड़ने में भी मदद मिलेगी।
- यदि आपके पास 75 साल से अधिक पुराना पेड़ है, तो इस योजना का लाभ उठाइए और पेड़ की सेवा करते हुए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाइए।