UP High-tech Railway Station: भारतीय रेलवे के इतिहास में कई स्टेशन अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए खास पहचान रखते हैं। इन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश का आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन, जो इस वर्ष अपनी 151वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह स्टेशन न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि ब्रिटिश काल की शानदार वास्तुकला को भी अपने भीतर समेटे हुए है।
1873 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था निर्माण
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने 1873 में कराया था। उस समय भारत में रेलवे नेटवर्क को रणनीतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से विकसित किया जा रहा था। अंग्रेजों का उद्देश्य सैनिकों की आवाजाही को सरल बनाना और कच्चे माल को बंदरगाहों तक पहुंचाना था। स्टेशन को ब्रिटिश आर्किटेक्चर की शैली में बनाया गया, जिसमें ऊंची छतें, लाल ईंटों की दीवारें, विस्तृत बरामदे और लोहे की मजबूत संरचनाएं शामिल हैं। आज भी यह स्टेशन अपनी प्राचीन भव्यता के साथ यात्रियों का स्वागत करता है।
151वें स्टेशन महोत्सव पर दिखाया गया ऐतिहासिक सफर
28 अप्रैल 2025 को आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन ने भव्य तरीके से अपना 151वां स्टेशन महोत्सव मनाया। एलईडी स्क्रीन पर पुराने चित्रों और वीडियो के माध्यम से स्टेशन के गौरवशाली इतिहास को जीवंत किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्यसभा सांसद नवीन जैन और मंडल रेल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल विशिष्ट अतिथि रहे। मौके पर स्टेशन महोत्सव पर आधारित एक पुस्तिका भी जारी की गई।
15.4 करोड़ रुपये से हो रहा है आगरा फोर्ट स्टेशन का सुंदरीकरण
भारतीय रेलवे आगरा फोर्ट स्टेशन को आधुनिक और सुंदर बनाने के लिए लगभग 15.4 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इसके तहत यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है:
- डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड
- स्वच्छ प्रतीक्षालय
- यात्री सुरक्षा में सुधार
- स्वच्छता पर विशेष ध्यान
इस सुंदरीकरण से न केवल स्टेशन की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों का अनुभव भी शानदार होगा।
आगरा फोर्ट स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व
आगरा फोर्ट स्टेशन ब्रिटिश शासन के दौरान एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक बेस था।
- 11 अगस्त 1873 को राजपूताना रेलवे ने पहली मीटर गेज लाइन भरतपुर से आगरा फोर्ट तक तैयार की थी।
- 1874 में इसे दिल्ली से बांदीकुई तक बढ़ाया गया।
- यह देश के उन चुनिंदा स्टेशनों में से एक रहा है जहां ब्रॉड गेज और मीटर गेज, दोनों लाइनों का संचालन होता था।
इस स्टेशन ने राजस्थान और मध्य भारत को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है और अब भी यह दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और दक्षिण भारत से यातायात को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य का अद्भुत संगम
आगरा फोर्ट स्टेशन की इमारतों में मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का सुंदर मेल देखने को मिलता है।
- बरामदे लाल बलुआ पत्थर से बने हैं।
- विशाल प्रवेश द्वार और छतों में ब्रिटिश राज की स्थापत्य शैली झलकती है।
- वहीं, नक्काशी और कलात्मकता में मुगल कला का प्रभाव भी स्पष्ट दिखता है।
यह स्थापत्य न केवल रेलवे प्रेमियों को आकर्षित करता है बल्कि इतिहास के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्ययन स्थल बन चुका है।
सरकार का लक्ष्य आधुनिकता के साथ विरासत का संरक्षण
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार रेलवे स्टेशनों के विकास में आधुनिकता और विरासत दोनों का संरक्षण चाहती है। उन्होंने कहा कि आगरा फोर्ट स्टेशन को सुंदर बनाकर न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि भारत के समृद्ध इतिहास को भी जीवंत रखा जाएगा।
आगरा फोर्ट स्टेशन पर्यटन के लिए भी बना आकर्षण
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन ताजमहल जैसे विश्व धरोहर स्थल के निकट स्थित है। इसलिए यह स्टेशन पर्यटकों के लिए भी खास महत्व रखता है। आगरा आने वाले हजारों पर्यटक इसी स्टेशन से शहर में प्रवेश करते हैं। अब स्टेशन का आधुनिकीकरण पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और शहर की सुंदरता में चार चांद लगाएगा।
ऐतिहासिक विरासत को मिल रहा नया जीवन
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन का 151वीं वर्षगांठ मनाना न केवल इतिहास को याद करना है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अपने गौरवशाली अतीत को संजोते हुए आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। रेलवे मंत्रालय द्वारा किया जा रहा 15.4 करोड़ का विकास कार्य इस दिशा में एक बड़ा कदम है। आने वाले समय में जब यात्री इस स्टेशन से गुजरेंगे, तो उन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ इतिहास की एक जीवंत झलक भी देखने को मिलेगी।