Bullet Train: भारत में पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जापान सरकार भारत को दो अत्याधुनिक शिंकानसेन ट्रेनें (E5 और E3 मॉडल) बिलकुल मुफ्त में देने जा रही है. ये दोनों ट्रेनें 2026 की शुरुआत तक भारत में डिलीवर कर दी जाएंगी. इससे न केवल ट्रेन संचालन की दिशा में भारत को जरूरी अनुभव मिलेगा. बल्कि इन ट्रेनों का स्थानीय मौसम और परिस्थितियों के अनुसार ट्रायल भी किया जाएगा. जिससे तकनीकी रूप से मजबूत और विश्वसनीय प्रणाली विकसित की जा सके.
360 किलोमीटर काम हो चुका पूरा
मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली इस बुलेट ट्रेन परियोजना की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है. राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के मुताबिक, अब तक इस प्रोजेक्ट का 71 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 360 किलोमीटर तक का कार्य पूरा किया जा चुका है. निर्माण कार्य गुजरात में सबसे तेज गति से चल रहा है. जबकि महाराष्ट्र में भी कई टनलिंग और पिलर कार्यों को पूरा किया जा चुका है. उम्मीद की जा रही है कि इस बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक अंश अगस्त 2027 तक शुरू कर दिया जाएगा.
गर्मी और धूल में होगा ट्रायल
भारत में गर्मी और धूलभरी जलवायु आम बात है. ऐसे में जापानी शिंकानसेन ट्रेनें इन हालात में कैसा प्रदर्शन करती हैं, यह समझना बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए इन E3 और E5 ट्रेनों को भारत में लाने के बाद विस्तृत तकनीकी परीक्षण किया जाएगा. इससे रेलवे को यह समझने में मदद मिलेगी कि इन ट्रेनों में किस-किस हिस्से को भारतीय परिस्थितियों के अनुसार बदलने की जरूरत है.
E10 मॉडल
जापान की ओर से यह जानकारी दी गई है कि वह इस समय एक नई बुलेट ट्रेन मॉडल E10 पर काम कर रहा है. यह ट्रेन E3 और E5 से ज्यादा तेज, मॉडर्न और तकनीकी रूप से उन्नत होगी. E10 को भारत और जापान दोनों में एक साथ लॉन्च करने की योजना है. इस ट्रेन को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह न सिर्फ ज्यादा सामान ढो सके. बल्कि गंभीर मौसम की परिस्थितियों में भी पूरी क्षमता से दौड़ सके. हालांकि अभी इसे ट्रैक पर आने में समय लगेगा. इसलिए शुरुआती संचालन E3 और E5 से ही किया जाएगा.
तीन घंटे में 508 किलोमीटर का सफर
भारत की पहली बुलेट ट्रेन जब मुंबई से अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी, तो यह 508 किलोमीटर की दूरी सिर्फ तीन घंटे में तय करेगी. आज की तारीख में यही दूरी दुरंतो एक्सप्रेस से साढ़े पांच घंटे और सामान्य ट्रेनों से 7 से 8 घंटे में तय होती है. यह बुलेट ट्रेन यात्रियों को न केवल समय की बचत देगी. बल्कि सफर को भी बेहद आरामदायक और सुरक्षित बनाएगी. ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. जो भारत में चलने वाली किसी भी यात्री ट्रेन से कहीं ज्यादा है.
2017 में रखी गई थी प्रोजेक्ट की नींव
इस मेगा प्रोजेक्ट की नींव 14 सितंबर 2017 को रखी गई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने साथ मिलकर इसका उद्घाटन किया था. यह प्रोजेक्ट भारत और जापान के बीच तकनीकी और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है. जापान इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए ₹88,000 करोड़ का सस्ता लोन भी दे रहा है, जिससे तकनीक, ट्रेन निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद मिल रही है.
बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में होंगी कई आधुनिक सुविधाएं
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को पूरी तरह विश्व स्तरीय मानकों पर बनाया जा रहा है. इसके तहत कई आधुनिक सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी, जैसे:
- एयरलाइन जैसी सीट व्यवस्था और फूड सर्विस
- साउंड प्रूफ कोच और वातानुकूलन व्यवस्था
- जमीन के ऊपर और नीचे (एलिवेटेड और अंडरग्राउंड) दोनों तरह के रूट्स
- भूकंप रोधी तकनीक
- तेज ट्रैकिंग सिस्टम और स्वचालित संचालन प्रणाली
यह सभी सुविधाएं इस बुलेट ट्रेन को भारत की सबसे एडवांस्ड ट्रेन बनाने की ओर कदम हैं.
प्रोजेक्ट की लागत और निर्माण एजेंसियां
इस हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत ₹1.08 लाख करोड़ रुपये है. इसका क्रियान्वयन NHSRCL (नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) द्वारा किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के निर्माण में भारतीय कंपनियों के साथ-साथ जापानी कंपनियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इसमें एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट्स और कई अन्य इंजीनियरिंग कंपनियां लगी हुई हैं.