Driving License: अगर आप लुधियाना में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. चंडीगढ़ रोड स्थित सेक्टर-32 के ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर हाल ही में विजिलेंस विभाग की छापेमारी के बाद ट्रायल की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है. वहां स्टाफ की अनुपस्थिति के कारण सैकड़ों आवेदक कई दिनों से भटक रहे हैं और ट्रायल देने में असमर्थ हैं.
स्टाफ के नदारद रहने से आवेदकों को हो रही भारी परेशानी
विजिलेंस रेड के बाद से ट्रैक पर न तो कोई अधिकारी मौजूद है और न ही कोई अन्य कर्मचारी. ट्रायल के लिए पहुंचे आवेदक कई-कई घंटे इंतजार करने के बाद भी निराश होकर लौटने को मजबूर हो रहे हैं. कुछ लोग तो लगातार 2-3 दिन से चक्कर काट रहे हैं. लेकिन फिर भी उन्हें न तो कोई सही जानकारी मिल रही है और न ही कोई समाधान.
अप्वाइंटमेंट लेकर पहुंचे आवेदकों की मुश्किलें बढ़ीं
सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है जिन्होंने ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेकर ट्रायल के लिए समय तय किया था. ये लोग अपने तय समय पर ट्रैक पर पहुंचे. लेकिन वहां जाकर उन्हें पता चला कि फिलहाल ट्रायल नहीं हो पा रहे हैं. इससे उनका समय, मेहनत और पैसे तीनों बर्बाद हो रहे हैं. कई युवा ऐसे भी हैं जिन्हें जॉब इंटरव्यू के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की तत्काल आवश्यकता थी. लेकिन अब उनकी सारी योजनाएं अधर में लटक गई हैं.
सूचना के अभाव में आवेदकों को झेलनी पड़ रही परेशानी
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ट्रायल के स्थगित होने की कोई आधिकारिक सूचना न तो परिवहन विभाग की वेबसाइट पर डाली गई है और न ही ट्रैक के बाहर किसी तरह का बोर्ड लगाया गया है. ऐसे में लोग बार-बार ट्रैक पर जाकर गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से जानकारी मांगते हैं. लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा. नतीजा यह है कि आवेदक हर दिन बेवजह समय और ऊर्जा गंवा रहे हैं.
वैकल्पिक व्यवस्था न होने पर उठे सवाल
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस विभाग की रेड में कई अनियमितताओं के प्रमाण मिले हैं. जिनकी जांच अभी जारी है. इस छापेमारी का मकसद ट्रायल प्रक्रिया में फैले भ्रष्टाचार और दलाली को रोकना था. हालांकि सवाल यह उठता है कि अगर छापेमारी जरूरी थी तो साथ में आवेदकों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई? बिना सूचना और बिना वैकल्पिक प्रबंध के ट्रायल ठप कर देने से आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
आरटीए कार्यालय और परिवहन विभाग की चुप्पी से बढ़ा असमंजस
अब तक न तो क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) कार्यालय और न ही राज्य परिवहन विभाग की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है. विभागों की इस चुप्पी के चलते आवेदकों में और ज्यादा असमंजस की स्थिति बन गई है. लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि उन्हें अगली अप्वाइंटमेंट कब मिलेगी और ट्रायल प्रक्रिया दोबारा कब शुरू होगी.
जल्द शुरू हो ट्रायल या मिले नई तारीखें
लुधियाना के ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों ने प्रशासन से मांग की है कि ट्रायल के लिए या तो वैकल्पिक ट्रैक की व्यवस्था की जाए या फिर उनकी ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट को री-शेड्यूल कर अगली तारीखें प्रदान की जाएं. लगातार इंतजार करवाने से लोगों का न सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है बल्कि उनकी नौकरी, पढ़ाई और निजी जरूरतें भी प्रभावित हो रही हैं.
पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग
लोगों का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस जैसी मूलभूत सेवा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है. विजिलेंस रेड एक स्वागतयोग्य कदम है. लेकिन आम जनता पर उसका नकारात्मक असर नहीं पड़ना चाहिए. जांच प्रक्रिया अपनी जगह है. लेकिन जरूरी सेवाओं का संचालन निर्बाध तरीके से होना चाहिए.
युवाओं के भविष्य पर बन आई संकट की स्थिति
जिन युवाओं को जॉब इंटरव्यू में भाग लेने या विदेश जाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की तत्काल आवश्यकता थी. उनके करियर पर भी इस देरी का बुरा असर पड़ रहा है. कई लोग विदेश जाने से पहले ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते थे. लेकिन अब उनके वीजा और यात्रा की योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं.
प्रशासन से लोगों को त्वरित समाधान की उम्मीद
लुधियाना के हजारों आवेदकों को अब जिला प्रशासन और परिवहन विभाग से त्वरित और स्पष्ट कार्रवाई की उम्मीद है. लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द ट्रायल प्रक्रिया बहाल की जाए या फिर अस्थायी वैकल्पिक ट्रैक की व्यवस्था की जाए. साथ ही आवेदकों को उचित जानकारी प्रदान की जाए ताकि वे बार-बार ट्रैक के चक्कर न काटें.