School Summer Holidays: उत्तर भारत में लगातार बढ़ रही गर्मी ने स्कूलों की दिनचर्या पर सीधा असर डाला है. जहां एक ओर सरकारों ने बच्चों को राहत देने के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) की घोषणा कर दी है, वहीं दूसरी ओर समर कैंप आयोजन को लेकर शिक्षकों में नाराजगी और भ्रम की स्थिति बनी हुई है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में छुट्टियां
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 19 मई को पढ़ाई के बाद गर्मी की छुट्टियों की घोषणा की गई है. लेकिन इसके साथ ही 21 मई से 10 जून तक समर कैंप आयोजित करने का निर्देश भी जारी किया गया है. इन कैंपों में केवल चयनित छात्रों को बुलाया जाएगा, लेकिन शिक्षकों को ड्यूटी करनी होगी. माध्यमिक विद्यालयों में 21 मई के बाद 30 जून तक अवकाश रहेगा.
शुरुआती आदेशों में अशासकीय सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित स्कूलों को छूट दी गई थी। लेकिन अब कई जिलों में इन स्कूलों में भी समर कैंप की योजना बनाई जा रही है, जिससे शिक्षकों में असंतोष और भ्रम दोनों बढ़ रहे हैं.
चंडीगढ़ में छुट्टियां
चंडीगढ़ प्रशासन ने 23 मई से 30 जून तक स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की है. यह फैसला मौसम विभाग की ओर से दी गई भीषण गर्मी की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. छात्रों को पूरा अवकाश मिलेगा. लेकिन शिक्षकों को 28 जून तक स्कूल में उपस्थित रहना होगा. उन्हें नए सत्र की तैयारी, दस्तावेज़ों की समीक्षा और शैक्षिक कार्यों में भाग लेने का निर्देश दिया गया है. यह निर्णय शिक्षकों के बीच आलोचना का कारण बन रहा है क्योंकि भीषण गर्मी में स्कूल में उपस्थित रहना स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है.
हरियाणा में छुट्टियां
हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए 1 जून से 30 जून तक अवकाश घोषित किया है. इस आदेश का उद्देश्य भीषण गर्मी से छात्रों और शिक्षकों दोनों को राहत देना है. स्कूलों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है. हरियाणा में फिलहाल समर कैंप को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन अगर आने वाले दिनों में कोई नया निर्देश आता है, तो शिक्षक समुदाय की प्रतिक्रिया देखी जाएगी.
शिक्षकों में क्यों है नाराजगी?
समर कैंप आयोजन के नाम पर छुट्टियों में शिक्षकों को स्कूल बुलाने की प्रक्रिया को लेकर शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है. शिक्षकों का कहना है कि जब छात्रों के लिए अवकाश घोषित किया गया है, तो उन्हें भी पूरी छुट्टी दी जानी चाहिए. गर्मी के इस मौसम में स्कूल में उपस्थिति अनावश्यक दबाव और स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रही है. अस्पष्ट और बार-बार बदलते निर्देशों के कारण भी शिक्षकों में असंतोष है.
छात्रों की भी नहीं हो रही छुट्टी पूरी
हालांकि समर कैंप में केवल चुनिंदा छात्रों को बुलाया जा रहा है. लेकिन गर्मी की छुट्टियों के बीच उनका स्कूल आना, छुट्टी के उद्देश्य को ही खत्म कर देता है. अभिभावकों की शिकायत है कि बच्चों को गर्मी से बचाने के बजाय उन्हें कैंप के नाम पर बुलाना तर्कसंगत नहीं है. कुछ जिलों में कैम्प में उपस्थिति अनिवार्य बताई जा रही है. जिससे भ्रम की स्थिति और गहराती जा रही है.