Govt Strict Warning: पंजाब सरकार ने अपने राजस्व विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में 56 तहसीलदारों और 166 नायब तहसीलदारों का ट्रांसफर किया गया है, ताकि विभाग की कार्यशैली को सुधारा जा सके और जनता को समय पर सेवाएं मिल सकें. यह कार्रवाई इसलिए जरूरी मानी जा रही है क्योंकि विभाग में लंबे समय से लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें आ रही थीं.
ट्रांसफर के बाद भी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे अधिकारी
सरकार के इस व्यापक बदलाव के बावजूद कई अधिकारी अब तक नई जगह पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर पाए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रांसफर आदेश के बावजूद कुछ तहसीलदार और नायब तहसीलदार अभी तक कार्यभार संभालने नहीं पहुंचे हैं, जिससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा है और आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया की सख्त चेतावनी
राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए चेतावनी दी है कि सभी अधिकारी तुरंत नई जगह पर ड्यूटी ज्वाइन करें. उन्होंने स्पष्ट किया कि ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. मंत्री ने कहा कि वह स्वयं विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे और यदि कोई अधिकारी गैरहाजिर पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ट्वीट के जरिए दी चेतावनी
हरदीप सिंह मुंडिया ने इस संबंध में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी एक पोस्ट साझा की है. उन्होंने लिखा, ”राजस्व विभाग में सुधारों के अंतर्गत कल तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के तबादले किए गए. कई अधिकारी अब तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हैं. सभी को निर्देश दिया गया है कि तुरंत ज्वाइन करें. मैं खुद निरीक्षण करूंगा और गैरहाजिर पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.” उनके इस ट्वीट के बाद विभागीय हलकों में हड़कंप मच गया है.
कार्रवाई से सुधर सकती है कार्यशैली
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की यह सख्ती विभागीय कार्यशैली में सुधार लाने में मदद कर सकती है. लंबे समय से राजस्व विभाग में अफसरों की गैरहाजिरी, फाइलों की देरी और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती रही हैं. ऐसे में यदि सरकार अधिकारी को समय पर ड्यूटी पर पहुंचने के लिए बाध्य करती है तो इससे आम जनता को भी सीधा फायदा मिलेगा.
जनता को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
जब कोई तहसीलदार या नायब तहसीलदार अपनी ड्यूटी पर समय से नहीं पहुंचता, तो उसकी सबसे बड़ी मार आम जनता को झेलनी पड़ती है. जमीन के कागज, नामांतरण, दाखिल-खारिज, जाति प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं विलंबित हो जाती हैं. इससे न केवल लोगों का समय और पैसा बर्बाद होता है, बल्कि उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. सरकार की यह सख्ती जनता की सुविधा के लिहाज से जरूरी मानी जा रही है.
ट्रांसफर के बाद ड्यूटी से बचना गंभीर अनुशासनहीनता
किसी भी सरकारी अफसर का ट्रांसफर आदेश मिलते ही नई जगह पर समय से ड्यूटी ज्वाइन करना उसकी जिम्मेदारी होती है. अगर कोई अफसर जानबूझकर ऐसा नहीं करता तो यह न केवल अनुशासन का उल्लंघन है बल्कि सरकारी तंत्र की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है. पंजाब सरकार का यह सख्त रुख ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों को एक कड़ा संदेश देता है.
भविष्य में हो सकते हैं और कड़े कदम
अगर इस चेतावनी के बाद भी अधिकारी समय से ड्यूटी पर नहीं पहुंचे, तो सरकार निलंबन से लेकर वेतन रोकने जैसे कड़े कदम भी उठा सकती है. इसके अलावा, ऐसे अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जा सकती है और उनका अगला प्रमोशन भी रोका जा सकता है. इससे साफ है कि सरकार अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.