Strict Instructions To Schools: चंडीगढ़ में लगातार बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप के कारण बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी है. इसी को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सी.सी.पी.सी.आर.) ने शिक्षा विभाग को एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में विशेष रूप से प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ताकि वे भीषण गर्मी से सुरक्षित रह सकें.
आयोग की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने जताई चिंता
सी.सी.पी.सी.आर. की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने बताया कि आयोग के पास शिकायतें आई थीं कि चंडीगढ़ के कुछ स्कूलों में गर्मी के बावजूद बच्चों को खुले मैदान में खेलने के लिए समय निर्धारित किया गया है. ऐसे में बच्चों को लू लगने या डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है. ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके.
खुले मैदान में खेलने पर लगाई गई रोक
एडवाइजरी के अनुसार स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे बच्चों को सीधे सूर्य की तेज रोशनी में खेलने के लिए न भेजें. बच्चों की बाहरी गतिविधियों को ऐसे समय पर शेड्यूल करें. जब धूप कम हो या मौसम थोड़ा ठंडा रहे. गर्मी के दिनों में बच्चों के लिए खुले मैदान में पीटी, ओपन कैंप या अन्य बाहरी गतिविधियां अस्थाई रूप से बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
बच्चों को गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाना पहली प्राथमिकता
आयोग ने स्पष्ट किया है कि गर्मी के इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है. स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि अगर किसी बच्चे को गर्मी से जुड़ी कोई स्वास्थ्य समस्या होती है तो तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए. हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन या अत्यधिक थकान जैसे लक्षण नजर आने पर बच्चे को तुरंत प्राथमिक उपचार और डॉक्टर की सलाह दी जाए.
स्कूलों में शुरू होगी ‘वाटर बेल’ व्यवस्था
बच्चों के बीच पानी पीने की आदत बढ़ाने के लिए आयोग ने स्कूलों को ‘वाटर बेल’ बजाने का सुझाव भी दिया है. इस बेल के समय सभी बच्चों को पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. इस पहल से बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद मिलेगी और वे तरोताजा रहेंगे.
अभिभावकों से भी की गई अपील
चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सिर्फ स्कूलों को ही नहीं. बल्कि बच्चों के अभिभावकों और अटेंडेंट्स से भी अपील की है. अभिभावकों से कहा गया है कि वे बच्चों को स्कूल छोड़ते और लाते समय विशेष सावधानी बरतें. बच्चों को हल्के और सूती कपड़े पहनाएं, टोपी पहनाएं और पानी की बोतल साथ में जरूर दें. गर्मी में बच्चों को धूप में लंबे समय तक न रखें और वाहन में इंतजार करते समय भी एसी या ठंडी जगह की व्यवस्था करें.
बच्चों के लिए हेल्दी डायट और हाइड्रेशन जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के दिनों में बच्चों के खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है. बच्चों को जूस, नींबू पानी, नारियल पानी जैसी चीजें ज्यादा दें. फलों और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं. बाहर के तले-भुने खाद्य पदार्थों से बच्चों को दूर रखें ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे.
शिक्षा विभाग पर भी सख्ती से निगरानी का जिम्मा
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को भी आयोग ने निर्देश दिया है कि वह इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित कराए. सभी स्कूलों को इस संबंध में सख्त दिशा-निर्देश दिए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी बच्चों को गर्मी में जोखिम उठाने के लिए मजबूर न किया जाए. समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर यह जांचा जाएगा कि वे एडवाइजरी का पालन कर रहे हैं या नहीं.
भविष्य में भी मौसम को देखते हुए लिए जाएंगे कदम
चंडीगढ़ प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अगर गर्मी का प्रकोप और बढ़ता है तो स्कूलों के समय में बदलाव या ग्रीष्मकालीन अवकाश को पहले घोषित करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं. फिलहाल स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.