Strict Action: जालंधर नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर्स के खिलाफ अब पूरी तैयारी के साथ मोर्चा खोल दिया है. निगम को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि हजारों लोग या तो प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरते, या फिर गलत और कम जानकारी देकर टैक्स चोरी करते हैं. अब निगम ने ऐसे डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने के लिए कई तकनीकी और कानूनी कदम उठाए हैं.
शहर की 3 लाख प्रॉपर्टीज को जोड़ा गया यू.आई.डी. टैग से
इस बार नगर निगम ने तकनीक का सहारा लेते हुए करीब 3 लाख प्रॉपर्टीज को एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन (UID) नंबर प्लेट से जोड़ा है. इन नंबरों को निगम के टैक्स कलेक्शन सिस्टम से लिंक कर दिया गया है, ताकि हर प्रॉपर्टी की सटीक स्थिति और टैक्स की जानकारी सीधे सिस्टम में दिखाई दे सके. इससे अब निगम के कर्मचारी गूगल शीट्स के जरिए किसी भी प्रॉपर्टी का दौरा करके तुरंत जांच कर सकेंगे कि उस प्रॉपर्टी पर कितना टैक्स जमा हुआ है और कितना बकाया है.
किराये की जानकारी छिपाने वालों पर भी नजर
जालंधर में कई लोग अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देकर उससे होने वाली आय को छिपाते हैं, ताकि कम टैक्स देना पड़े. लेकिन अब निगम ने इसके लिए डीसी ऑफिस और रेवेन्यू विभाग से रेंट डीड्स की जानकारी मंगवाने का फैसला किया है. इससे उन लोगों की पहचान की जा सकेगी जिन्होंने किराये की जानकारी छिपाकर कमर्शियल टैक्स की जगह रिहायशी टैक्स भरकर गड़बड़ी की है. ऐसे मामलों में संबंधित मालिकों से बकाया टैक्स के साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा.
रिहायशी प्रॉपर्टीज पर भी कसेगा शिकंजा
अब तक लोगों की यह धारणा थी कि केवल कमर्शियल प्रॉपर्टीज पर ही निगम सख्ती करता है. लेकिन अब रिहायशी प्रॉपर्टीज पर भी सख्ती से जांच की जाएगी. निगम अधिकारियों का कहना है कि हर संपत्ति पर निगरानी रखी जाएगी. चाहे वह घर हो, दुकान हो, गोदाम हो या फिर किराए पर चढ़ा मकान. टैक्स न चुकाने वालों के खिलाफ नोटिस, वसूली, और प्रॉपर्टी सीलिंग तक की कार्रवाई की जाएगी.
पहले दिए गए नोटिसों पर अब होगा एक्शन
जिन प्रॉपर्टी मालिकों को पहले से नोटिस भेजे गए थे लेकिन उन्होंने टैक्स नहीं चुकाया, उन पर अब सीधा एक्शन लिया जाएगा. इसमें प्रॉपर्टी को सील करना, बैंक खातों को अटैच करना और कानूनी कार्यवाही शामिल हो सकती है. निगम ने साफ कहा है कि अब किसी भी तरह की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
शहरवासियों से की गई अपील: टैक्स समय पर जमा करें
जालंधर नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन, जॉइंट कमिश्नर डॉ. सुमनदीप कौर, असिस्टेंट कमिश्नर विक्रांत वर्मा, सुपरिटेंडेंट महीप सरीन, राजीव ऋषि, और भूपेंद्र सिंह ने संयुक्त बयान में कहा है कि शहर के सभी लोग समय पर अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा करें, ताकि उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए.
उनका कहना है कि नगर निगम का यह टैक्स शहर के विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए बेहद जरूरी होता है – जैसे कि सफाई व्यवस्था, सड़क निर्माण, सीवरेज लाइन, स्ट्रीट लाइट्स और पानी की आपूर्ति आदि.
टैक्स चोरी रोकने के लिए तकनीक का सहारा
नगर निगम अब डिजिटल मॉनिटरिंग पर जोर दे रहा है. UID नंबर प्लेट्स और गूगल शीट्स के जरिए एक-एक प्रॉपर्टी की जानकारी रिकॉर्ड की जा रही है. इसके साथ ही निगम कर्मचारियों को टैबलेट और मोबाइल ऐप्स के जरिए ऑन-स्पॉट डेटा एंट्री करने की सुविधा भी दी जा रही है. इससे कोई भी डिफॉल्टर ज्यादा दिन तक छिप नहीं सकेगा और टैक्स चोरी करने वाले जल्द पकड़ में आ जाएंगे.
जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की होगी शुरुआत
निगम की योजना है कि जिन प्रॉपर्टी मालिकों ने जानबूझकर टैक्स नहीं भरा, उनसे न सिर्फ बकाया टैक्स वसूला जाए बल्कि उस पर 12% सालाना ब्याज और अतिरिक्त जुर्माना भी लिया जाए. इसके साथ ही लगातार नजरअंदाज करने वालों के खिलाफ पुलिस सहायता से सीलिंग और कुर्की की कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है.