Liquor Ban Area: देशभर में शराबबंदी को लेकर समय-समय पर चर्चा होती रहती है. कई राज्यों में पूर्ण प्रतिबंध है तो कुछ स्थानों पर आस्था और धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है. मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी है. आइए जानते हैं भारत के किन-किन हिस्सों में शराब पर बैन है और मध्य प्रदेश के किन शहरों और गांवों में अब शराब नहीं बिकेगी.
इन राज्यों में है शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध
भारत में गुजरात, बिहार, मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप ऐसे राज्य हैं जहां शराब की बिक्री, निर्माण और खपत पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. इन राज्यों में शराब पीने या बेचने पर कानूनी कार्रवाई होती है और सख्त सजा का प्रावधान है.
गुजरात
गुजरात भारत का पहला राज्य था जिसने शराबबंदी लागू की. 1960 में महाराष्ट्र से अलग राज्य बनने के बाद, गुजरात सरकार ने यहां पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया. हालांकि, गुजरात में शराब का निर्माण और खपत सरकारी परमिट सिस्टम के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में अनुमति प्राप्त लोगों को दी जाती है.
बिहार में 2016 से शराबबंदी
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस निर्णय को सख्ती से लागू किया गया. यह कानून शुरू में महिलाओं के समर्थन और सामाजिक सुधार के उद्देश्य से लाया गया था. हालांकि, इसके बाद से राज्य में शराबबंदी को लेकर कई बार राजनीतिक बहस भी हुई.
नागालैंड में 1989 से शराब पर रोक
नागालैंड में 1989 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. यहां धार्मिक और सामाजिक संगठनों की मांग पर यह निर्णय लिया गया था. हालांकि, बीते कुछ वर्षों में स्थानीय समूह और राजनीतिक पार्टियां इस कानून में संशोधन की मांग भी कर रही हैं.
अब मध्य प्रदेश के इन 19 स्थानों पर भी शराब बिक्री पर बैन
मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से 19 नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. ये क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, इसलिए सरकार ने इन स्थानों को शराब मुक्त करने का फैसला लिया है.
शराबबंदी वाले मध्य प्रदेश के स्थानों की सूची
नगरीय क्षेत्र (नगर पालिका सीमाएं):
- उज्जैन
- ओंकारेश्वर
- महेश्वर
- मण्डलेश्वर
- ओरछा
- मैहर
- चित्रकूट
- दतिया
- पन्ना
- मण्डला
- मुलताई
- मंदसौर
- अमरकंटक
- ग्रामीण क्षेत्र (ग्राम पंचायत सीमाएं):
- सलकनपुर
- कुण्डलपुर
- बांदकपुर
- बरमानकलां
- बरमानखुर्द
- लिंगा
इन सभी स्थानों पर अब शराब की दुकानें पूरी तरह बंद कर दी गई हैं और आगे किसी प्रकार की लाइसेंसिंग भी नहीं होगी.
धार्मिक आस्था का सम्मान है सरकार की प्राथमिकता
मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि इन स्थानों पर शराब पर प्रतिबंध लगाकर धार्मिक आस्था और पर्यटन की गरिमा को बनाए रखना लक्ष्य है. ये स्थान हिंदू तीर्थस्थलों और धार्मिक आयोजनों के केंद्र हैं, जहां शराब की बिक्री आस्थावानों की भावनाओं को आहत कर सकती थी.
क्या शराबबंदी से जुड़े हैं कुछ और प्रस्ताव?
गुरुग्राम के मानेसर को भी एक नया जिला बनाने की मांग के साथ-साथ शराबबंदी को लेकर प्रस्ताव सामने आए हैं. हालांकि, फिलहाल इसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है. आगामी कैबिनेट की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा.
शराबबंदी का असर
शराब पर बैन लगाने के कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
- घरेलू हिंसा में कमी,
- सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट,
- स्वास्थ्य में सुधार,
- और समाज में नशा मुक्त जागरूकता बढ़ी है.
- हालांकि, कुछ स्थानों पर अवैध शराब और तस्करी की घटनाएं भी देखने को मिली हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव बनता है.