Bijli Chori Action: गर्मियों में तापमान के साथ-साथ बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ जाती है। सबसे बड़ा कारण है एसी (AC) का बढ़ता उपयोग। हर घर में कूलिंग के लिए एसी का इस्तेमाल अब आम हो गया है। लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा संकट सामने आता है, वह है – बिजली चोरी। कई उपभोक्ता एसी तो लगवा लेते हैं लेकिन लोड नहीं बढ़वाते या फिर बिना मीटर के कनेक्शन से बिजली का उपयोग करते हैं।
बिजली कंपनी की योजना रही अधूरी पिछले साल शुरू हुआ अभियान हुआ बंद
बिजली वितरण कंपनी ने गर्मी शुरू होने से पहले बीते साल एक महत्वपूर्ण योजना बनाई थी। इसके तहत उन सभी घरों की जांच की जानी थी, जहां एसी लगे हुए थे।
- यदि किसी घर में एसी था लेकिन मीटर पर दर्ज लोड कम था, तो उसे बढ़वाने के निर्देश दिए जाने थे।
- कुछ मामलों में कार्रवाई भी होनी थी, लेकिन यह अभियान कुछ ही दिनों में बंद कर दिया गया।
अब सवाल उठता है कि जब एसी की वजह से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, तो यह अभियान बंद क्यों कर दिया गया ?
एसी के कारण घरों में बिजली की खपत कई गुना बढ़ जाती है
एक एसी औसतन 1.5 टन क्षमता का होता है जो 1.5 से 2 किलोवॉट बिजली प्रति घंटे खर्च करता है।
- यदि घर में 2-3 एसी हैं और उपभोक्ता ने केवल 2 किलोवॉट का कनेक्शन लिया है, तो यह तकनीकी रूप से बिजली चोरी के दायरे में आता है।
- खासकर रात के समय जब एसी एकसाथ चलते हैं, तो बिजली की डिमांड बहुत अधिक हो जाती है।
इससे न केवल ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ता है बल्कि लाइन फॉल्ट, ट्रिपिंग और लो वोल्टेज जैसी समस्याएं भी होती हैं।
हर दसवां एसी उपभोक्ता कर रहा है बिजली चोरी
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शहर में लगभग 50,000 घरों में एसी लगे हुए हैं। इनमें से 10% से ज्यादा घरों में एसी चोरी की बिजली से चल रहे हैं।
- यानी करीब 5,000 घर ऐसे हैं जो बिजली कंपनी को चूना लगा रहे हैं।
- ये उपभोक्ता या तो बिना मीटर के बिजली का उपयोग कर रहे हैं या फिर लोड को जानबूझकर कम दिखाकर अधिक बिजली खपत कर रहे हैं।
यह सीधे तौर पर सरकारी राजस्व की चोरी है।
अभियान के तहत घर-घर जाकर इकट्ठा किया जाना था एसी डाटा
बिजली कंपनी का उद्देश्य था कि हर घर में कितने एसी हैं, इसका डाटा इकट्ठा किया जाए और उसे सिस्टम में दर्ज किया जाए।
- इससे यह समझा जा सकता था कि किस घर में एसी के हिसाब से बिजली बिल कम क्यों आ रहा है।
- साथ ही यह भी साफ होता कि कम किलोवॉट के कनेक्शन पर ज्यादा लोड कैसे चल रहा है।
इससे बिजली वितरण को अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी बनाया जा सकता था।
स्मार्ट मीटर से मिलेगी सटीक जानकारी अब सिस्टम खुद करेगा निगरानी
हालांकि अब विभाग ने स्मार्ट मीटरिंग पर फोकस बढ़ा दिया है। स्मार्ट मीटर वो डिवाइस है जो रीयल-टाइम में बिजली खपत, लोड और पावर फैक्टर की जानकारी देता है।
- उपभोक्ता की खपत अधिक होने पर सिस्टम खुद अलर्ट भेजता है।
- स्मार्ट मीटर में यह भी दिखता है कि कितनी बार मीटर से छेड़छाड़ हुई है या लोड अचानक बढ़ा है।
- इससे बिजली चोरी की संभावना बेहद कम हो जाती है।
शहर के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है और कुछ जगहों पर इसे पूरी तरह लागू कर दिया गया है।
बिजली चोरी पर क्यों जरूरी है सख्ती ?
बिजली चोरी केवल व्यक्तिगत फायदे की बात नहीं है, इसका असर पूरे सिस्टम पर पड़ता है:
- लाइन में बार-बार फॉल्ट आते हैं।
- ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर जल जाते हैं।
- वास्तविक उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता।
- राज्य सरकार और बिजली कंपनियों को भारी राजस्व हानि होती है।
इससे बचने के लिए समय रहते कनेक्शन लोड अपडेट कराना और मीटरिंग सिस्टम को आधुनिक बनाना जरूरी है।
क्या करें उपभोक्ता लोड बढ़वाएं और स्मार्ट मीटर को अपनाएं
अगर आपने घर में एसी लगवाया है तो नीचे दी गई बातों को जरूर अपनाएं:
- अपने बिजली कनेक्शन का लोड बढ़वाएं, ताकि ओवरलोडिंग न हो।
- अगर स्मार्ट मीटर लगाने का मौका मिले तो इंस्टॉलेशन में सहयोग करें।
- समय पर बिजली बिल चुकाएं और किसी भी तरह की चोरी से बचें।
- यदि मीटर में गड़बड़ी लगे तो तुरंत बिजली विभाग को सूचना दें।
स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी पर लगेगा ब्रेक
बिजली चोरी की समस्या लंबे समय से देश के हर हिस्से में चिंता का विषय रही है। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में जब एसी जैसे हाई पावर डिवाइस चलते हैं, तब यह समस्या और गंभीर हो जाती है। अब जबकि स्मार्ट मीटरिंग का दौर शुरू हो चुका है, तो उम्मीद है कि सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और स्वचालित हो जाएगा। लेकिन उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी है, ईमानदारी से लोड बढ़वाएं और बिजली विभाग का सहयोग करें, ताकि हर घर तक सही तरीके से रोशनी पहुंचे।