New Highway Project 2025: केंद्र सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास अभियान के तहत हरियाणा के सिरसा और राजस्थान के चूरू जिलों को जोड़ने के लिए नए हाईवे का प्रस्ताव तैयार किया गया है. यह सड़क राजस्थान के रेतीले और ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरेगी. जिससे दोनों राज्यों के बीच यातायात और व्यापारिक संपर्क बेहतर होगा.
सफर होगा आसान और तेज़
वर्तमान में सिरसा से चूरू का सफर समय लेने वाला और चुनौतीपूर्ण होता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए. नए हाईवे के बनने से लोगों को सीधा, तेज और सुगम मार्ग मिलेगा. यह सड़क सिरसा से शुरू होकर जमाल, फेफाना, नोहर और तारानगर होते हुए चूरू तक पहुंचेगी. शुरुआत में 34 किलोमीटर सड़क निर्माण का प्रस्ताव है. सर्वे के बाद इसका विस्तार तय किया जाएगा. इस हाईवे को भविष्य में नेशनल हाईवे नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा. जिससे दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों तक सीधी और आसान पहुंच बन सकेगी.
बस सेवा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
फिलहाल सिरसा से चूरू तक सीमित बस सेवा है और सड़कें खराब होने के कारण यात्रियों को परेशानी होती है. नए हाईवे के बनने से बस सेवाएं बेहतर होंगी. निजी बस ऑपरेटर और सरकारी विभाग इस रूट पर नई बसें चलाने की योजना बना रहे हैं. इससे दैनिक यात्रियों को राहत मिलेगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी मजबूती मिलेगी.
रोजगार और व्यापार में आएगी तेजी
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सड़क के बनने से छोटे कस्बों और गांवों को बड़े शहरों से सीधा जुड़ाव मिलेगा. इससे न सिर्फ लोगों की आवाजाही आसान होगी. बल्कि रोज़गार और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे. युवाओं को शहरों तक पहुंचना आसान होगा. जिससे शिक्षा और नौकरी के नए विकल्प खुलेंगे.
रेगिस्तानी इलाकों में विकास की नई लहर
राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में अब तक सड़क नेटवर्क सीमित रहा है. लेकिन यह हाईवे नोहर, तारानगर और चूरू को हरियाणा से जोड़ेगा. इससे इन क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी. इस सड़क से कृषि, व्यापार और परिवहन को नई दिशा मिलेगी. सिरसा और नोहर में जहां कपास और गेहूं की खेती होती है. वहीं चूरू में सरसों और बाजरा का उत्पादन होता है. यह हाईवे किसानों को मंडियों तक तेजी से पहुंचने का जरिया बनेगा.
सर्वे रिपोर्ट और सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया जारी
इस प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों ने सर्वे पूरा कर लिया है और रिपोर्ट अंतिम चरण में है. अधिकारियों के अनुसार सभी अनुमोदन पूरे होने के बाद अगले वित्त वर्ष में निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. फिलहाल सड़क की चौड़ाई 15 फीट तय की गई है. जिसे आगे चलकर दो और फिर चार लेन में बदला जाएगा. इससे भारी वाहनों की आवाजाही आसान होगी और ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी.
व्यापारियों को मिलेगा सीधा लाभ
सिरसा और चूरू दोनों जिलों में बड़ी संख्या में व्यापारी सक्रिय हैं, जो कृषि उत्पादों, अनाज और कपड़ा कारोबार से जुड़े हैं. इस हाईवे से उनके लिए नई बाजारों तक पहुंच आसान होगी. साथ ही ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए भी यह मार्ग नए ऑर्डर और काम के अवसर लेकर आएगा.
प्रॉपर्टी बाजार में दिखेगा असर
हर बार जब किसी इलाके में नई सड़क या हाईवे बनता है, तो वहां की जमीनों के रेट तेजी से बढ़ते हैं. यही बदलाव अब सिरसा, नोहर, तारानगर और चूरू जैसे इलाकों में भी देखा जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यहां रिहायशी और व्यावसायिक प्रोजेक्ट्स शुरू हो सकते हैं. जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा.