Fake Mustard: हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक बड़ा फूड स्कैम सामने आया है. महेंद्रगढ़ के कनीना इलाके से रेवाड़ी वेयरहाउस में भेजे गए एक ट्रक में नकली सरसों के 964 बैग पाए गए. इन बैग्स पर “किसान सेवा केंद्र कनीना” लिखा हुआ था. जब वेयरहाउस के सुपरवाइजर ने इस सरसों की गुणवत्ता की जांच की, तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया.
सुपरवाइजर को कैसे हुआ नकली सरसों का शक?
वेयरहाउस के सुपरवाइजर संदीप कुमार ने बताया कि जब उन्हें सरसों के दानों पर शक हुआ. तो उन्होंने कुछ दाने पानी में डालकर उनकी जांच की. आश्चर्यजनक रूप से दाने पानी में डालते ही घुलने लगे और मिट्टी में बदल गए. संदीप कुमार ने कहा कि ये दाने इतनी सफाई से बनाए गए थे कि पहली नजर में असली और नकली में फर्क करना बेहद मुश्किल था.
नकली सरसों मिलने पर तुरंत रोका गया भंडारण
नकली सरसों का शक होने के बाद वेयरहाउस में सरसों का भंडारण तुरंत रोक दिया गया. इसके बाद सैंपल को प्रयोगशाला जांच के लिए भेज दिया गया है. पूरे मामले ने न सिर्फ व्यापारियों बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भी हड़कंप मचा दिया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी कि इस गड़बड़ी के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं.
31 लाख रुपये की सरसों का खेल
बताया जा रहा है कि जब्त की गई नकली सरसों की कीमत करीब 31 लाख रुपये के आसपास है. यह सवाल भी उठ रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में नकली सरसों तैयार कर सरकार और किसानों को किस स्तर पर चूना लगाने की कोशिश की गई. यदि समय रहते यह खुलासा नहीं होता, तो सरकारी गोदामों में नकली उत्पादों का बड़ा जाल फैल सकता था.
अब उठ रहे हैं गंभीर सवाल
इस पूरे मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या इस फर्जीवाड़े में स्थानीय व्यापारी शामिल हैं? क्या अधिकारी भी इसमें लिप्त हो सकते हैं? और सबसे बड़ा सवाल- अगर वेयरहाउस में नकली सरसों पहुंच सकती है, तो कहीं बाजार में भी ऐसे नकली उत्पादों की बिक्री तो नहीं हो रही? जांच पूरी होने के बाद ही इन सवालों के सही जवाब मिल पाएंगे.