RBI ने अचानक इस बैंक का किया लाइसेंस रद्द, बैंक में जमा पैसा निकलवाने पर लगी रोक RBI Action On Bank

RBI Action On Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अहमदाबाद स्थित कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (Color Merchants Co-operative Bank) पर बड़ा एक्शन लेते हुए उसका बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा कि बैंक के पास ना तो पर्याप्त पूंजी है और ना ही आर्थिक रूप से आगे बढ़ने की कोई संभावनाएं. साथ ही बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में ग्राहकों के जमा पैसे की वापसी तक नहीं कर सकता, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है.

क्या कहा RBI ने?

RBI ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक को अब और संचालन की अनुमति देना जनहित के खिलाफ होगा. इसके अनुसार:

  • बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक कमजोर है.
  • बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत तय कई नियमों को पूरा करने में असफल रहा है.
  • यदि इसे और समय दिया गया तो इससे ग्राहकों को भारी नुकसान हो सकता है.

इसलिए आरबीआई ने 16 अप्रैल 2025 को बैंकिंग कारोबार को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है.

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ग्राहकों के पैसों का क्या होगा?

बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैंक ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है या नहीं?

आरबीआई ने इस संबंध में साफ किया है कि बैंक के सभी जमाकर्ता DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के अंतर्गत ₹5 लाख तक की जमा राशि की बीमा सुरक्षा के पात्र हैं. यानी:

  • यदि आपने इस बैंक में ₹5 लाख या उससे कम की राशि जमा की है, तो वह पूरी तरह सुरक्षित है.
  • ₹5 लाख से अधिक जमा राशि पर बीमा सुरक्षा नहीं मिलेगी. इसलिए उस हिस्से की वापसी बैंक की परिसंपत्तियों के आधार पर ही संभव होगी.

कितने जमाकर्ताओं को मिलेगा पूरा पैसा?

RBI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बैंक के आंकड़ों के मुताबिक लगभग 98.51% जमाकर्ता ऐसे हैं जिनकी जमा राशि ₹5 लाख या उससे कम है, यानी:

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  • इन ग्राहकों को DICGC के जरिए पूरा पैसा वापस मिलेगा.
  • 31 मार्च 2024 तक DICGC 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर चुकी है.
  • बाकी ग्राहकों को भी प्रक्रिया पूरी करने पर बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.

बैंक को बंद करने की प्रक्रिया क्या है?

RBI ने गुजरात के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से आग्रह किया है कि:

  • बैंक को आधिकारिक रूप से बंद करने का आदेश जारी किया जाए.
  • इसके लिए एक परिसमापक (Liquidator) नियुक्त किया जाए जो बैंक की संपत्तियों और दायित्वों का निपटारा करेगा.

इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है लेकिन ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे DICGC की वेबसाइट या बैंक से संपर्क करके बीमा राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करें.

बैंकिंग सेवाएं अब पूरी तरह बंद

RBI के आदेश के अनुसार 16 अप्रैल 2025 से बैंक का पूरा कारोबार बंद कर दिया गया है. यानी अब:

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  • बैंक कोई भी नई जमा स्वीकार नहीं करेगा.
  • ग्राहक बैंक से पैसे की निकासी भी नहीं कर सकते जब तक DICGC के तहत प्रक्रिया पूरी न हो.
  • अन्य बैंकिंग सेवाएं जैसे लोन, पासबुक अपडेट, फंड ट्रांसफर आदि भी बंद कर दी गई हैं.

इससे बाकी बैंकों को क्या सबक?

यह मामला एक गंभीर चेतावनी है. खासकर छोटे सहकारी बैंकों के लिए. यदि बैंक अपनी पूंजी व्यवस्था, संचालन और नियामकीय अनुपालन में लापरवाही करता है तो उसका यही हश्र होता है. साथ ही ग्राहक भी ऐसे बैंकों में जमा राशि रखते समय:

  • और सबसे ज़रूरी – DICGC बीमा सीमा (₹5 लाख) से अधिक जमा करने से पहले जोखिम का आकलन जरूर करें
  • बैंक की विश्वसनीयता की जांच करें
  • यह देखें कि बैंक RBI के दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है या नहीं

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