PNB Loan Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. इस फैसले के बाद देश के कई प्रमुख बैंकों ने लोन ब्याज दरों में बदलाव करने का निर्णय लिया है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और यूको बैंक (UCO Bank) जैसे सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को राहत देते हुए अपनी दरें घटा दी हैं.
PNB ने सबसे पहले उठाया कदम
PNB ने रेपो रेट में बदलाव के तुरंत बाद अपने ग्राहकों के लिए रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.85% से घटाकर 8.35% कर दिया. यह कदम यह दिखाता है कि बैंक अपने ग्राहकों को RBI की नीतिगत छूट का फायदा शीघ्रता से पहुंचाने को लेकर गंभीर है.
MCLR और बेस रेट में नहीं किया गया कोई बदलाव
हालांकि, बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) और बेस रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. यह संकेत करता है कि बैंक फिलहाल केवल रेपो रेट आधारित लोन उत्पादों पर ही दर में बदलाव कर रहा है.
बैंक ऑफ इंडिया ने भी घटाया RLLR
बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो बेस्ड लेंडिंग रेट को 8.85% से घटाकर 8.35% कर दिया है. इससे बैंक के नए और मौजूदा ग्राहकों को होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन जैसे विभिन्न लोन पर सस्ती EMI का लाभ मिलेगा.
यूको बैंक ने अपनाया अलग रास्ता
यूको बैंक ने RLLR में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन उसने सभी अवधि के MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इससे ग्राहकों को लोन की लागत में कमी का फायदा मिलेगा.
यूको बैंक ने कितनी-कितनी कटौती की?
यूको बैंक ने विभिन्न लोन अवधियों के MCLR में इस प्रकार कटौती की है:
- ओवरनाइट MCLR: 8.25% से घटाकर 8.15%
- 1 महीने का MCLR: 8.45% से घटाकर 8.35%
- 3 महीने का MCLR: 8.60% से घटाकर 8.50%
- 6 महीने का MCLR: 8.90% से घटाकर 8.80%
- 1 साल का MCLR: 9.10% से घटाकर 9.00%
बैंक ऑफ बड़ौदा का भी ऐलान
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी चयनित लोन अवधियों के लिए रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है. इससे ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर ऋण लेने का अवसर मिलेगा.
आरबीआई गवर्नर ने किया रेपो रेट में बदलाव
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून को आर्थिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य से रेपो रेट को 6% से घटाकर 5.5% कर दिया. यह 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए की गई एक महत्वपूर्ण पहल है.
सीआरआर में भी की गई कटौती
इसके अतिरिक्त, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है, जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर को 25-25 आधार अंकों की चार किस्तों में लागू होगी. इससे बैंकों के पास अधिक तरलता (liquidity) उपलब्ध होगी और वे ज्यादा ऋण दे पाएंगे.
लोन धारकों और नए आवेदकों को होगा लाभ
इन सभी बदलावों का सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो नई लोन एप्लिकेशन डाल रहे हैं या जिनकी ब्याज दरें फ्लोटिंग रेट पर आधारित हैं. इससे उनकी EMI में कमी आएगी और लंबे समय तक कुल भुगतान में बचत होगी.
लोन लेना अब हो सकता है आसान
मौजूदा आर्थिक माहौल में ब्याज दरों में गिरावट का यह सिलसिला कर्ज लेने वालों के लिए राहत की खबर है. बैंक द्वारा दरें कम करने से आवश्यकताओं की पूर्ति या निवेश के लिए ऋण लेना आसान और सस्ता हो सकता है.