RBI Action On Banks: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर कड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस बार कार्रवाई लखनऊ स्थित HCBL Co-operative Bank पर हुई है. केंद्रीय बैंक ने यह फैसला बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति और पूंजी की कमी के चलते लिया है.
क्यों रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस?
RBI ने अपने बयान में साफ किया कि HCBL को-ऑपरेटिव बैंक के पास न पर्याप्त पूंजी थी और न ही भविष्य में कमाई की संभावनाएं. ऐसे में बैंक को आगे संचालित रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं था. इसलिए 19 मई 2025 की शाम से बैंक का संचालन बंद कर दिया गया है. अब बैंक किसी भी प्रकार की डिपॉजिट, निकासी या अन्य बैंकिंग सेवाएं प्रदान नहीं कर पाएगा.
बैंक बंद होने पर क्या होगा अगला कदम?
आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और पंजीयक से अनुरोध किया है कि वे बैंक को आधिकारिक रूप से बंद करने का आदेश जारी करें और साथ ही एक परिसमापक (Liquidator) की नियुक्ति करें. परिसमापन प्रक्रिया के तहत बैंक की संपत्तियों को बेचा जाएगा और जो भी देनदारियां हैं, उन्हें निपटाया जाएगा.
जमाकर्ताओं को मिलेगी बीमा राशि
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंक बंद होने के बावजूद ग्राहकों की जमा राशि सुरक्षित रहेगी. जमाकर्ता DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि के हकदार होंगे. बैंक के आंकड़ों के अनुसार 98.69% खाताधारक अपनी पूरी जमा राशि DICGC से प्राप्त कर सकते हैं.
अब तक कितना भुगतान हुआ है?
DICGC द्वारा 31 जनवरी 2025 तक 21.24 करोड़ रुपये की बीमित जमा राशि का भुगतान पहले ही किया जा चुका है. जिन ग्राहकों ने क्लेम किया है. उन्हें तेजी से राशि का भुगतान किया गया है. बाकियों को भी नियमों के तहत प्रक्रिया पूरी होने पर राशि प्रदान की जाएगी.
RBI ने किन नियमों के उल्लंघन की बात कही?
आरबीआई ने यह भी कहा कि HCBL को-ऑपरेटिव बैंक बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की कई अहम धाराओं का पालन करने में विफल रहा है. बैंक की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह सुरक्षित बैंकिंग सेवाएं जारी रख सके. ऐसे में लाइसेंस रद्द कर देना जरूरी हो गया था. ताकि ग्राहकों के हितों की रक्षा की जा सके.
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
जिन ग्राहकों का खाता HCBL को-ऑपरेटिव बैंक में है. उन्हें सलाह दी जाती है कि वे
- अपनी DICGC बीमा दावा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें.
- जरूरत हो तो नजदीकी RBI कार्यालय या DICGC पोर्टल से संपर्क करें.
- बैंकिंग सेवाओं के लिए अन्य अधिकृत बैंकों में खाता खोलने पर विचार करें.
देश में लगातार हो रही को-ऑपरेटिव बैंकों पर कार्रवाई
पिछले कुछ वर्षों से को-ऑपरेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठते रहे हैं. कई बैंक पूंजी की कमी, नियामकीय गैर-अनुपालन और कार्य संचालन की खराब गुणवत्ता के कारण RBI की नजरों में आ चुके हैं. इससे पहले भी कई बैंकों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं. जिससे ग्राहकों को समय रहते सचेत रहने की जरूरत है.