Ration Card E-Kyc: जिले में राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पिछले 10 महीनों से चल रही है. लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है. 30 अप्रैल को इसकी अंतिम तारीख तय की गई है. लेकिन अब भी 5.57 लाख यूनिटों का सत्यापन बाकी है. जून 2024 में इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी. जिसमें जिले के 5.98 लाख राशन कार्ड पर दर्ज 23.17 लाख यूनिटों का आधार व अंगुली के निशान से डिजिटल सत्यापन किया जाना था. लेकिन अभी तक केवल 18.13 लाख यूनिटों का ही सत्यापन हो पाया है. जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि इस तय समय में बचा हुआ कार्य पूरा नहीं हो पाएगा.
सिर्फ 12 दिन में पूरा होना लगभग असंभव
इस आर्टिकल को लिखे जाने तक ई-केवाईसी पूरा करने के लिए सिर्फ 11 दिन शेष हैं. अधिकारियों का मानना है कि बचे हुए 5.57 लाख यूनिटों को इस समय में सत्यापित करना बेहद कठिन है. इसकी एक वजह यह भी है कि इस महीने 25 अप्रैल तक राशन वितरण का कार्य चल रहा है. जिससे ई-केवाईसी के लिए मात्र 5 दिन का समय ही बचेगा. वितरण के दौरान ई-पॉस मशीनें राशन वितरण में व्यस्त रहती हैं, इसलिए केवाईसी की प्रक्रिया रोक दी जाती है. यह भी एक कारण है कि काम की रफ्तार धीमी हो गई है.
छह बार बढ़ चुकी है डेडलाइन
अब तक सरकार ने 6 बार इस प्रक्रिया की अंतिम तारीख बढ़ाई है. जिससे उम्मीद थी कि सभी लाभार्थियों की यूनिटों का ई-केवाईसी पूरा हो जाएगा. लेकिन हर बार सर्वर की समस्या, मशीनों की तकनीकी दिक्कत और ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी ने काम की गति को धीमा कर दिया. इस बार 30 अप्रैल की अंतिम तिथि को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. फिलहाल अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि यदि आवश्यक हुआ तो तारीख फिर से बढ़ाई जा सकती है.
तकनीकी दिक्कतें बनी सबसे बड़ी रुकावट
राशन कार्ड यूनिटों की ई-केवाईसी में सबसे ज्यादा रुकावटें तकनीकी कारणों से आ रही हैं.
- ई-पॉस मशीनें कई बार कार्य नहीं करतीं.
- सर्वर स्लो होने से हर यूनिट का सत्यापन करने में अधिक समय लगता है.
- बुजुर्ग लाभार्थियों की उंगलियों के निशान नहीं मिलने पर आइरिस स्कैनर का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे काम की रफ्तार और धीमी हो जाती है.
इसके अलावा कई क्षेत्रों में आधार कार्ड अपडेट न होने या मोबाइल नंबर लिंक न होने के कारण भी यूनिट सत्यापन में अड़चनें आ रही हैं.
बुजुर्ग और दिव्यांग यूनिटों की पहचान चुनौतीपूर्ण
सबसे ज्यादा समस्या उन यूनिटों में आ रही है जो बुजुर्ग, दिव्यांग या बीमार व्यक्तियों की हैं. इनके बायोमेट्रिक सत्यापन में उंगलियों के निशान लेने में कठिनाई होती है. ऐसे मामलों में आइरिस स्कैनर या ऑफलाइन प्रमाणन की जरूरत होती है, जो न केवल समय लेता है. बल्कि संसाधन और प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी मांग करता है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा सीमित होने के कारण यूनिट सत्यापन अधूरा रह जाता है.
अधिकारियों ने जताई समय सीमा बढ़ने की संभावना
जिला पूर्ति अधिकारी राज बहादुर सिंह ने जानकारी दी कि फिलहाल निर्देशानुसार 30 अप्रैल तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी है. लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो समय सीमा फिर से बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि विभाग इस कार्य को प्राथमिकता पर ले रहा है और सत्यापन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी यूनिटें सत्यापित नहीं हो जातीं. विभाग यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे.
लाभार्थियों से की गई अपील
जिला प्रशासन की ओर से सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की गई है कि वे अपने निकटतम राशन डीलर या सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्र पर जाकर जल्द से जल्द ई-केवाईसी करवाएं. प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि बिना केवाईसी के यूनिटों को भविष्य में राशन वितरण से वंचित किया जा सकता है. ऐसे में जिनकी यूनिट अभी तक सत्यापित नहीं हुई है. उन्हें जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए.