Rajasthan Monsoon 2025: राजस्थान में मई के महीने में तेज गर्मी और लू के थपेड़ों ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है. दिन में तेज धूप और रात में गर्म हवाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस बीच मौसम विभाग की ओर से आई एक सकारात्मक भविष्यवाणी राहत देने वाली है. बताया गया है कि दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार समय से पहले प्रदेश में दस्तक दे सकता है. जिससे जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश की उम्मीद बन गई है.
तय समय से पहले आ सकता है मानसून
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस बार मानसून केरल में 27 मई को प्रवेश कर सकता है, जो सामान्य तिथि 1 जून से 5 दिन पहले है. अगर ऐसा होता है, तो इसका असर राजस्थान पर भी पड़ेगा. विभाग का मानना है कि राज्य में भी मानसून की एंट्री तय समय से पहले हो सकती है. जिससे बारिश का दौर जल्दी शुरू होने की संभावना बनती है.
जुलाई-अगस्त में होगी सबसे अधिक वर्षा
राजस्थान में आमतौर पर दक्षिण पश्चिमी मानसून 25 जून के आसपास प्रवेश करता है. मानसून के आने के बाद जुलाई के पहले पखवाड़े में थोड़ी सुस्ती रहती है. लेकिन जुलाई के दूसरे हिस्से और अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश होती है. बीते दो-तीन वर्षों में मानसून ने समान्य समय पर राज्य में प्रवेश किया और बारिश का आंकड़ा 95 फीसदी से अधिक दर्ज हुआ, जो एक सकारात्मक संकेत है.
केरल में भी समय से पहले दस्तक देने का इतिहास
केरल में पिछले 5 सालों में दो बार मानसून ने तय समय से पहले एंट्री ली है. सामान्यत: यहां मानसून 1 जून को पहुंचता है. लेकिन इस बार 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
- 2020: 1 जून
- 2021: 3 जून
- 2022: 29 जून
- 2023: 8 जून
- 2024: 30 मई
इस बार के ट्रेंड्स से संकेत मिलता है कि मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है. जिससे राजस्थान में भी जल्दी वर्षा शुरू हो सकती है.
मानसून से बढ़ेगा वर्षा जल संरक्षण का महत्व
राजस्थान में जल संकट एक गंभीर समस्या है. खासकर पेयजल और सिंचाई के लिए भूजल पर अत्यधिक निर्भरता है. भूजल का मुख्य स्रोत वर्षा जल ही है. जिसे संरक्षित करना समय की मांग है. बीते कुछ वर्षों में मानसून के दौरान भूजल स्तर में सुधार देखा गया है. सरकार ने इस दिशा में अटल भूजल योजना 2019 और कैच द रेन अभियान 2024 जैसी योजनाओं के तहत जल संरक्षण की पहल शुरू की है.
मौसम विभाग ने जताया 108% बारिश का अनुमान
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल राजस्थान में सामान्य से 108% बारिश होने की संभावना है. अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह कृषि और जल संकट की स्थिति को काफी हद तक संतुलित कर सकता है. जयपुर में बीते तीन वर्षों (2022, 2023, 2024) में प्री-मानसून बारिश का सिलसिला
- कभी मई में,
- कभी जून के मध्य में,
- और कभी मई के अंत या जून की शुरुआत में शुरू हुआ.
इस बार भी प्री-मानसून गतिविधियों के जल्दी शुरू होने की संभावना जताई गई है.
बारिश के लिए तैयार रहें, प्रशासन से भी उम्मीदें
जल्द आने वाले मानसून के चलते राज्य प्रशासन और नगर निकायों को जल निकासी, नालों की सफाई, तालाबों की मरम्मत और स्टोरेज प्रबंधन के कार्यों पर तेजी से ध्यान देना होगा. साथ ही कृषकों को भी खेती की रणनीति इस संभावित जल्द बारिश को ध्यान में रखते हुए बनानी चाहिए.