Cantract Employee Regularisation: पंजाब में काम कर रहे सैकड़ों अस्थायी कर्मचारियों के लिए शनिवार का दिन बेहद खास बन गया. राज्य सरकार ने वन विभाग में कार्यरत 378 कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की घोषणा कर दी है. वर्षों से कम वेतन और अनिश्चित भविष्य के बीच काम कर रहे इन कर्मियों को अब स्थायी नौकरी की सौगात मिली है.
वर्षों की मेहनत के बाद मिला स्थायित्व
वन मंत्री लाल चंद कटारूचक ने जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट की पिछली बैठक में 378 दिहाड़ी मजदूरों को रेगुलर करने का फैसला लिया गया था. जिसे अब अमलीजामा पहना दिया गया है. मंत्री ने कहा कि इन कर्मचारियों ने सालों तक विभाग में कम संसाधनों और सीमित अधिकारों के बीच मेहनत से काम किया. अब उनके अधिकारों को मान्यता दी गई है.
पिछली सरकारों पर लगाया आरोप
कटारूचक ने इस फैसले के पीछे मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल को श्रेय देते हुए कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारें कर्मचारियों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाईं. उनके कार्यकाल में ये लोग कच्चे कर्मचारियों की श्रेणी में ही रह गए. आप सरकार के आने के बाद से राज्य में युवाओं और अस्थायी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जा रही है और यह फैसला उसी नीति का परिणाम है.
जल्द मिलेगा नियुक्ति पत्र
वन मंत्री ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं इन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. इससे न सिर्फ इन कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा. बल्कि उन्हें यह भरोसा भी मिलेगा कि सरकार उनके साथ है.
युवाओं को सरकारी नौकरी देने में अव्वल बनी आप सरकार
कटारूचक ने यह भी बताया कि अरविंद केजरीवाल के दिशा-निर्देशों के तहत आप सरकार अब तक 50 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दे चुकी है. पंजाब में यह पहली बार हुआ है जब इतने बड़े स्तर पर युवाओं को नियमित रूप से नियुक्त किया गया है. यह कदम न सिर्फ राज्य की बेरोजगारी को कम करेगा. बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा.
वन विभाग को मिलेगा नया जोश और ऊर्जा
मंत्री ने उम्मीद जताई कि नियमित किए गए कर्मचारी अब और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ कार्य करेंगे. उनका मानना है कि इससे वन विभाग की कार्यक्षमता में जबरदस्त सुधार होगा. स्थायित्व मिलने से कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी और वे अपने अनुभव का पूरा उपयोग कर विभाग को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे.
अन्य विभागों के कच्चे कर्मचारियों को भी मिलेगी प्रेरणा
इस फैसले से अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत कच्चे और अनुबंध कर्मियों को भी आशा की किरण नजर आई है. लंबे समय से जो कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. उन्हें भी यह निर्णय प्रेरित करेगा कि उनकी भी सुनवाई संभव है.