Brick Kiln Closure 2025: पंजाब में घर बनाने की योजना बना रहे लोगों को तगड़ा झटका लग सकता है. राज्य के ईंट भट्ठे अब चार की बजाय लगातार सात महीने तक बंद रहने वाले हैं. यह फैसला भट्ठा मालिकों की ओर से लिया गया है. जिसका गंभीर असर रियल एस्टेट सेक्टर और आम लोगों की जेब पर पड़ने वाला है.
व्यापारिक दबाव बना ईंट भट्टा बंदी की वजह
भट्ठा एसोसिएशन के वरिष्ठ नेता बलजिंदर सोनी पिंकी ने बताया कि यह फैसला पर्यावरणीय नियमों की वजह से नहीं लिया गया है. बल्कि खनन नीति की जटिलताएं, GST दरों में बढ़ोतरी, काम के घंटे घटने और कारोबारी अनिश्चितता जैसे कारणों ने भट्ठा मालिकों को यह कठोर निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया है.
ईंटों के दाम में अचानक उछाल
ईंट भट्टों के बंद होने की घोषणा के महज 15 दिनों के भीतर ही ईंटों की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है. यह संकेत है कि आने वाले समय में जब निर्माण कार्य जोरों पर होगा. तब ईंटों की भारी कमी और महंगाई देखने को मिल सकती है.
जनवरी 2026 तक पूरी तरह से ठप रहेगा उत्पादन
भट्ठा मालिकों ने साफ किया है कि अब जनवरी 2026 तक उत्पादन पूरी तरह बंद रहेगा. इस लंबे अंतराल के कारण मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन बढ़ेगा. जिससे ईंटों की कीमतों में और तेजी आ सकती है.
गरीबों के लिए घर बनाना होगा और मुश्किल
इस निर्णय का सबसे बड़ा असर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ेगा, जो सीमित बजट में घर बनाने की सोच रखते हैं. अब ईंटें महंगी होंगी. जिससे निर्माण लागत बढ़ेगी और सपनों का घर बनाना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा.
रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि इस ईंट संकट से रियल एस्टेट सेक्टर में अस्थिरता आ सकती है. कई ongoing प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ेगी और निर्माण कार्यों में देरी की आशंका है. इससे खरीदारों और बिल्डरों दोनों के सामने आर्थिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं.
स्थानीय स्तर पर निर्माण सामग्री की बढ़ती मांग
पंजाब में भट्टों के बंद रहने से ईंटों की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा या हिमाचल प्रदेश पर निर्भरता बढ़ सकती है. इससे ढुलाई लागत भी जुड़ेगी, जो कीमतों को और अधिक प्रभावित करेगी.
सरकार की भूमिका अहम
अब सवाल यह उठता है कि क्या राज्य सरकार इस स्थिति को गंभीरता से लेकर कोई राहत पैकेज या वैकल्पिक नीति लाएगी? भट्ठा संचालक सरकार से खनन नीति और जीएसटी पर साफ दिशानिर्देश की मांग कर रहे हैं. जिससे व्यापार दोबारा पटरी पर लौट सके.