Power Cut: हरियाणा में इस बार गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मार्च और अप्रैल के महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है, जिससे बिजली की खपत में भारी इजाफा हुआ है. एसी, कूलर और पंखों के लगातार इस्तेमाल के कारण बिजली पर दबाव बहुत बढ़ गया है. इसी के चलते हरियाणा बिजली निगम ने ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती का नया शेड्यूल लागू किया है.
इस कटौती से किसानों और आम ग्रामीण लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है क्योंकि यही समय होता है जब खेतों में गेहूं की कटाई जोरों पर होती है और बिजली की ज़रूरत बहुत अधिक होती है.
बिजली निगम का नया शेड्यूल
हरियाणा के बिजली वितरण निगमों ने नया शेड्यूल जारी करते हुए बताया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब नियमित बिजली कटौती की जाएगी ताकि सीमित संसाधनों को संतुलित किया जा सके. नया शेड्यूल कुछ इस प्रकार है:
- शाम 7:00 बजे से सुबह 6:30 बजे तक — बिजली रहेगी.
- सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक — बिजली बंद रहेगी.
- दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक — बिजली रहेगी.
- शाम 4:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक — फिर से बिजली बंद रहेगी.
इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन करीब 8 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा.
कटाई के सीजन में बिजली कटौती से परेशान किसान
मार्च और अप्रैल का महीना गेहूं की कटाई के लिए बहुत अहम होता है. इस दौरान किसान दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि फसल सही समय पर कट सके और मंडी तक पहुंचाई जा सके. लेकिन इस समय पर बिजली कटने से किसानों को थ्रेशर, मोटर और मशीनों को चलाने में दिक्कत हो रही है.
बिजली न होने के कारण फसल की सुखाई, थ्रेशिंग और ट्रांसपोर्ट जैसे काम प्रभावित हो रहे हैं, जिससे समय पर कटाई और बिक्री में बाधा आ रही है.

गांवों में पानी की सप्लाई पर भी असर
हरियाणा के कई ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की सप्लाई बिजली चालित ट्यूबवेल और मोटरों से होती है. ऐसे में दिन में घंटों बिजली न होने से लोगों को पानी भरने और इस्तेमाल में परेशानी हो रही है.
खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को गर्मी में पानी की कमी का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में पानी के टैंकर मंगवाने तक की नौबत आ गई है.
गर्मी से बेहाल लोग, पंखा-कूलर सब बंद
हरियाणा में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. दिन के समय तापमान 42-44 डिग्री तक पहुंच चुका है. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब दोपहर के समय और शाम को बिजली नहीं रहती. इन घंटों में पंखे और कूलर न चलने से लोग खासकर बच्चे और बुजुर्ग काफी परेशान हो रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में जहां अभी भी बहुत से घरों में एसी की सुविधा नहीं है. वहां कूलर ही राहत का साधन होता है. लेकिन बिजली कटौती ने उस सहारे को भी छीन लिया है.
बिजली विभाग की सफाई
बिजली वितरण निगमों ने यह स्पष्ट किया है कि मौजूदा बिजली कटौती कोई मनमानी नहीं है. विभाग के अनुसार, इस समय बिजली की मांग बहुत अधिक है जबकि उत्पादन सीमित है. गर्मी बढ़ने के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं की खपत भी कई गुना बढ़ गई है.
इसलिए संतुलन बनाए रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती करना एक मजबूरी बन गया है. हालांकि अधिकारियों ने यह भी भरोसा दिलाया है कि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनते ही बिजली सप्लाई सामान्य कर दी जाएगी.
शहरों में नहीं हो रही इतनी कटौती, ग्रामीण नाराज
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस बात से भी नाराज हैं कि शहरी इलाकों में बिजली कटौती बहुत कम या ना के बराबर हो रही है. जबकि गांवों में दिन के सबसे जरूरी समय पर बिजली काट दी जाती है.
कई किसान संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों ने इसे लेकर बिजली निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है. उनका कहना है कि सरकार को गांव और किसानों के हितों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए.
क्या हो सकता है समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार को अब भविष्य के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए. जैसे:
- सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना
- स्थानीय स्तर पर माइक्रो पावर स्टेशन लगाना
- प्री-कटाई सीजन में ऊर्जा स्टोरेज की व्यवस्था करना
- गांवों में जल आपूर्ति को बैटरी या सोलर चालित सिस्टम से जोड़ना
इसके अलावा बिजली वितरण में समानता और पारदर्शिता जरूरी है ताकि सभी क्षेत्रों को बराबर सुविधा मिल सके.