PM Kusum Yojana 2025: देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और सिंचाई के लिए बिजली की निर्भरता को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री कुसुम योजना’ शुरू की गई है. इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का विस्तार कर किसानों को स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई की सुविधा देना है.
क्या है पीएम कुसुम योजना?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने में सरकार की ओर से 90% तक की सब्सिडी दी जा रही है.
- इसमें 30% सब्सिडी केंद्र सरकार
- 30% सब्सिडी राज्य सरकार
- और 30% राशि बैंकों से ऋण के रूप में मिलती है.
किसानों को केवल 10% राशि ही स्वयं वहन करनी होती है.
सिंचाई ही नहीं, अब सोलर से होगी कमाई भी
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि सोलर पैनल से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को DISCOM (वितरण कंपनी) को बेचा जा सकता है.
- इससे किसानों को एक स्थायी आय स्रोत भी मिलेगा.
- सोलर पैनल की आयु लगभग 25 वर्ष होती है और इसका रखरखाव कम खर्चीला होता है.
- यह योजना बिजली की लागत को शून्य कर सकती है और किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बना सकती है.
कौन-कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ सिर्फ व्यक्तिगत किसान ही नहीं. बल्कि कई अन्य संस्थाएं भी उठा सकती हैं:
- किसान स्वयं
- सहकारी समितियां
- पंचायतें
- किसान समूह
- किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
- जल उपभोगता संघ
इन सभी को सरकारी सब्सिडी और ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाती है.
पात्रता और आवेदन की शर्तें
- आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए.
- योजना के तहत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता के सोलर संयंत्र लगाने के लिए आवेदन किया जा सकता है.
- प्रति मेगावाट के लिए करीब 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी.
- आवेदक अपनी भूमि या DISCOM द्वारा निर्धारित सीमा तक (जो भी कम हो) संयंत्र लगा सकता है.
क्या है वित्तीय योग्यता की शर्त?
इस योजना के तहत अगर किसान स्वयं प्रोजेक्ट में निवेश करता है तो किसी वित्तीय योग्यता की जरूरत नहीं होती.
हालांकि, यदि प्रोजेक्ट किसी निजी डेवलपर या विकासकर्ता के माध्यम से स्थापित किया जा रहा है तो:
- डेवलपर की नेटवर्थ प्रति मेगावाट ₹1 करोड़ होनी चाहिए.
- इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रोजेक्ट की स्थापना और संचालन सक्षम हाथों में रहे.
आवेदन की प्रक्रिया
- किसान को राज्य सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टल या केंद्र की अधिकृत वेबसाइट पर जाना होगा.
- ऑनलाइन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें:
- आधार कार्ड
- भूमि संबंधी दस्तावेज
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदन की जांच के बाद पात्र पाए जाने पर सब्सिडी स्वीकृत की जाएगी.
- उसके बाद सोलर पंप की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
क्यों जरूरी है कुसुम योजना?
- यह योजना प्रधानमंत्री के ‘डबल इनकम’ लक्ष्य को भी साकार करने की दिशा में अहम है.
- देश में बिजली आधारित सिंचाई की लागत बढ़ती जा रही है. जिससे किसानों की आमदनी पर असर पड़ता है.
- डीजल पंपों से पर्यावरण को नुकसान भी हो रहा है.
- कुसुम योजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देती है और किसानों को बिजली का वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराती है.