Bullet Train Station: भारत की सबसे महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना अब पूरी रफ्तार पर है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रही इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. गुजरात के सूरत में देश का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन लगभग बनकर तैयार हो चुका है. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री हर्ष सांघवी ने दी है.
2026 में ट्रायल और 2029 तक यात्री सेवा का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन 2026 में शुरू हो सकता है और पूर्ण संचालन 2029 तक संभव है. यह परियोजना देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है. अब बुलेट ट्रेन को सिर्फ सपना नहीं बल्कि हकीकत के बेहद करीब बताया जा रहा है.
सूरत में पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन बनकर तैयार
बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन गुजरात के डायमंड सिटी सूरत में बनाया गया है. यह स्टेशन आधुनिक तकनीकों से युक्त और जापानी इंजीनियरिंग स्टैंडर्ड के अनुसार बनाया गया है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बताया कि 40 मीटर लंबे गर्डर के लॉन्च के साथ 300 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड वायडक्ट सेक्शन का कार्य पूरा हो चुका है.
508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर
यह बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई से अहमदाबाद तक 508 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर आधारित है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे बुनियादी ढांचे के विकास में मील का पत्थर बताया है. जापान के सहयोग से इस परियोजना को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे भारत को हाई-स्पीड रेल टेक्नोलॉजी में महारत मिलेगी.
स्पेशल ब्रिज और नदी पुलों का निर्माण
NHSRCL के अनुसार, 300 किलोमीटर के सुपरस्ट्रक्चर में से 257.4 किलोमीटर का निर्माण फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथड के जरिए किया गया है. इसमें 14 नदी पुल, 0.9 किमी स्टील ब्रिज, 1.2 किमी पीएससी ब्रिज और 2.7 किमी स्टेशन बिल्डिंग शामिल हैं. बाकी 37.8 किमी का निर्माण स्पैन बाय स्पैन पद्धति से हुआ है.
अब तक कितना काम हो चुका है पूरा?
इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत 383 किलोमीटर पियर वर्क, 401 किलोमीटर फाउंडेशन वर्क और 326 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. निर्माण कार्य बेहद सटीक प्लानिंग और तकनीकी मापदंडों के साथ चल रहा है.
परियोजना की लागत और हिस्सेदारी
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर को बनाने में कुल लागत ₹1.08 लाख करोड़ आंकी गई है. इस प्रोजेक्ट को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के जरिए अंजाम दिया जा रहा है.
- भारत सरकार: ₹10,000 करोड़
- गुजरात सरकार: ₹5,000 करोड़
- महाराष्ट्र सरकार: ₹5,000 करोड़
- बाकी राशि जापान सरकार के सहयोग से लोन के रूप में मिल रही है.
बुलेट ट्रेन से बदल जाएगा भारत का यातायात ढांचा
बुलेट ट्रेन सिर्फ एक नई रेल सेवा नहीं, बल्कि भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता, तकनीकी उन्नयन और गति की नई पहचान बनने जा रही है. यह परियोजना देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क को बेहतर, समय की बचत और ईंधन की खपत को कम करने में भी मदद करेगी.