Personal Loan Foreclosure: आजकल पर्सनल लोन लेना एक सामान्य वित्तीय ज़रूरत बन गई है. चाहे वह शादी का खर्च हो, पढ़ाई की फीस, मेडिकल इमरजेंसी या घर की मरम्मत, लोग पर्सनल लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. लेकिन लोन लेने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप उसे समय से पहले चुकाने की योजना बनाएं. ताकि आपके ऊपर ब्याज का बोझ कम हो और आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर बना रहे.
सिर्फ EMI भरना काफी नहीं
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि EMI समय से भरना जरूरी है. लेकिन सिर्फ समय पर किश्त चुकाने से आप ब्याज में बचत नहीं कर पाते. यदि आपके पास बोनस, टैक्स रिफंड या एक्स्ट्रा इनकम आती है, तो उसका सदुपयोग लोन की प्रिंसिपल राशि घटाने में करना ज्यादा समझदारी भरा कदम होता है.
जानिए पर्सनल लोन जल्दी चुकाने के 5 असरदार तरीके
- नियमित EMI से ज्यादा भुगतान करें
हर महीने जो EMI निर्धारित है, उसमें आप थोड़ी अतिरिक्त रकम जोड़ सकते हैं.
उदाहरण के लिए, अगर आपकी EMI ₹10,000 है और आपकी आर्थिक स्थिति अनुकूल है, तो आप ₹2,000 से ₹3,000 अतिरिक्त भुगतान करें. इससे लोन की अवधि घटेगी और आपको कम ब्याज देना पड़ेगा.
- करें लोन बैलेंस ट्रांसफर
अगर आपका मौजूदा लोन उच्च ब्याज दर पर चल रहा है, तो आप उसे कम ब्याज दर वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं. इसे बैलेंस ट्रांसफर कहा जाता है. इससे EMI और टोटल ब्याज दोनों कम हो सकते हैं. इस विकल्प को चुनने से पहले सभी शर्तों और चार्जेस की जानकारी लेना जरूरी है.
- बोनस या टैक्स रिफंड का करें स्मार्ट इस्तेमाल
अगर आपको किसी वर्ष बोनस, टैक्स रिफंड या सैलरी में इंक्रीमेंट मिलता है, तो उसका कुछ हिस्सा लोन के प्रिंसिपल में जमा कर देना एक समझदारी भरा निर्णय होता है. इससे लोन का मूलधन कम होगा और ब्याज की राशि भी घटेगी. यह तरीका लोन से जल्दी मुक्ति पाने में तेजी लाता है.
- कई लोन को एक में मिलाएं
अगर आपके ऊपर कई लोन चल रहे हैं, जैसे कार लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड बिल आदि, तो आप सभी को मिलाकर एक सिंगल लोन में बदल सकते हैं. इसे लोन कंसोलिडेशन कहा जाता है. इसका फायदा यह है कि आपको सिर्फ एक EMI भरनी होगी और ब्याज दर भी आमतौर पर कम होगी.
- बैंक से बातचीत करें, शर्तें संशोधित करवाएं
कई बार ग्राहक अपने बैंक से खुलकर बातचीत नहीं करते. जबकि अगर आपने अब तक EMI समय से भरी है, तो बैंक आपको बेहतर शर्तें देने को तैयार हो सकता है. आप ब्याज दर कम करने, EMI कम या लोन अवधि घटाने की अपील कर सकते हैं. बैंक आपकी साख को देखकर प्रस्ताव पर विचार कर सकता है.
RBI की गाइडलाइन भी आपके साथ है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर लोन से जुड़े मामलों में ग्राहकों के हित में गाइडलाइन जारी करता है. RBI के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति फ्लोटिंग रेट पर लोन लेता है, तो बैंक को फोरक्लोजर चार्ज नहीं वसूलना चाहिए. इससे लोन चुकाने की प्रक्रिया पारदर्शी और सुविधाजनक बनती है.