Digital Payment Ban: नागपुर के नागरिकों को अब पेट्रोल भरवाते समय कैश लेकर जाना होगा. क्योंकि 10 मई 2025 से शहर के पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं किए जाएंगे. यह फैसला विदर्भ पेट्रोलियम डीलर असोसिएशन ने लिया है, जो शहर के सभी प्रमुख पेट्रोल पंप संचालकों का प्रतिनिधित्व करता है.
साइबर फ्रॉड के चलते लिया गया फैसला
इस फैसले की मुख्य वजह हाल ही में सामने आए साइबर फ्रॉड के मामले हैं. दरअसल एक पेट्रोल पंप मालिक के खाते में किसी साइबर अपराधी ने फ्रॉड ट्रांजेक्शन किए. जिसके बाद नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल ने उनका खाता ब्लॉक कर दिया. इसी वजह से डीलरों ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है.
पेट्रोल पंप डीलरों पर पड़ रहा है सीधा असर
डिजिटल लेन-देन के बढ़ते जोखिमों के चलते डीलरों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
- अब तक 2 पेट्रोल पंप डीलरों के खाते पूरी तरह सीज किए जा चुके हैं.
- 30 से ज्यादा डीलरों के खातों पर ‘लीन मार्क’ लगा दिया गया है. जिससे वे अपना पैसा इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.
- एक डीलर का खाता महज ₹280 के ट्रांजैक्शन पर ब्लॉक हुआ. जबकि उस खाते में ₹18 लाख मौजूद थे.
डिजिटल इंडिया की राह में बड़ा झटका
जब देश में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रही हैं, ऐसे में नागपुर में डिजिटल पेमेंट पर रोक आम लोगों के लिए एक बड़ा झटका है.
- अब हर नागरिक को पेट्रोल भरवाने के लिए नकद राशि लेकर जाना अनिवार्य होगा.
- इससे ना सिर्फ दैनिक जीवन में असुविधा होगी, बल्कि डिजिटल माध्यमों पर निर्भर लोगों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
आखिर क्यों होता है ऐसा फ्रॉड?
डीलरों के अनुसार, कई बार साइबर अपराधी किसी पेट्रोल पंप पर नकली डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं.
- फिर पीड़ित व्यक्ति जब साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करता है, तो जहां आखिरी ट्रांजेक्शन हुआ होता है. उस खाते को ही ब्लॉक कर दिया जाता है.
- इससे पेट्रोल पंप मालिक को बिना किसी गलती के आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है.
विदर्भ पेट्रोलियम डीलर असोसिएशन ने दी जानकारी
एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने जानकारी दी कि यह कदम इसलिए जरूरी था क्योंकि बैंक खातों के फ्रीज होने से डीलरों का पूरी तरह व्यापार प्रभावित हो रहा है.
उन्होंने बताया, “जब तक इस व्यवस्था में कोई ठोस समाधान नहीं निकलता. हम 10 मई से डिजिटल पेमेंट नहीं स्वीकार करेंगे.”
नागपुर के नागरिकों को होगी परेशानी
इस निर्णय का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा.
- खासकर उन लोगों के लिए मुश्किल बढ़ सकती है जो डिजिटल ट्रांजेक्शन के अभ्यस्त हो चुके हैं.
- जो नागरिक QR कोड, UPI, पेटीएम या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से पेट्रोल भरवाते थे, अब उन्हें नकद लेन-देन करना होगा.