अंग्रेजो के टाइम से लेकर आज भी चल रही है ये ट्रेनें, देश की 5 सबसे पुरानी ट्रेनें Oldest Indian Trains

Oldest Indian Trains: भारतीय रेलवे न केवल भारत की जीवनरेखा है. बल्कि यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी है. देशभर में रोज़ाना 13 हजार से अधिक ट्रेनें चलती हैं. जिनमें करोड़ों यात्री अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं.

वर्तमान में रेलवे आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है – बुलेट ट्रेन, वंदे भारत जैसी नई ट्रेनों की चर्चा जोरों पर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी कुछ ऐसी ट्रेनें हैं जो 150 साल पुरानी हैं और अब भी परिचालन में हैं? आइए जानते हैं भारत की उन सबसे पुरानी ट्रेनों के बारे में जिनका गौरवशाली इतिहास अब भी जीवित है.

1. बांबे पूना मेल (शुरुआत: 1863)

बांबे पूना मेल भारत की सबसे पुरानी इंटरसिटी ट्रेनों में से एक रही है. इसका संचालन मुंबई (तब बॉम्बे) और पुणे (तब पूना) के बीच होता था. शुरुआत में इसे डक्कन क्वीन एक्सप्रेस के साथ मिलाकर चलाया गया था, जो बाद में एक अलग पहचान के रूप में उभरी. स्थानीय यात्रियों के लिए यह एक प्रमुख संपर्क ट्रेन थी और ब्रिटिश काल में इसे काफी प्रतिष्ठा प्राप्त थी.

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2. कालका मेल (अब नेताजी एक्सप्रेस) – (शुरुआत: 1 जनवरी 1866)

कालका मेल को भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी नियमित ट्रेनों में से एक माना जाता है. इसकी शुरुआत कोलकाता से दिल्ली के बीच हुई थी. यह ट्रेन विशेष रूप से अंग्रेज अधिकारियों के लिए चलाई गई थी, जो गर्मियों में शिमला जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते थे. बाद में इस ट्रेन का रूट हरियाणा के कालका तक बढ़ा दिया गया और इसका नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस रखा गया. पहले इसे ईस्ट इंडिया रेलवे मेल के नाम से जाना जाता था.

3. फ्रंटीयर मेल (अब गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस) – (शुरुआत: 1928)

ब्रिटिश काल में सबसे प्रसिद्ध ट्रेन फ्रंटीयर मेल मानी जाती थी. साल 1930 में ‘द टाइम्स ऑफ लंदन’ ने इसे ब्रिटिश भारत की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेन बताया था. यह ट्रेन मुंबई और दिल्ली के बीच चला करती थी. आज यह ट्रेन गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस के नाम से जानी जाती है और अभी भी संचालन में है.

4. ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस – (शुरुआत: 1929)

ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस को एक समय भारत की लंबी दूरी की सबसे चर्चित ट्रेनों में से एक माना जाता था. शुरुआत में इसका संचालन पेशावर से मैंगलोर तक किया गया था और इस सफर में ट्रेन को 104 घंटे का समय लगता था. अब यह ट्रेन मेट्टूपलायम तक जाती है और दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण ट्रेन बनी हुई है.

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5. पंजाब मेल – (शुरुआत: 1912)

पंजाब मेल भारत की तेज गति वाली शुरुआती ट्रेनों में रही है. इसका पुराना नाम पंजाब लिमिटेड था. यह ट्रेन आज भी सक्रिय है और मुंबई से पंजाब के फिरोजपुर तक यात्रियों को ले जाती है. ब्रिटिश काल में यह अफसरों और कारोबारियों की पसंदीदा ट्रेन मानी जाती थी.

भारतीय रेलवे की विरासत और आधुनिकता

इन ट्रेनों की कहानियां भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक हैं. जबकि आज बुलेट ट्रेन, वंदे भारत जैसी सुविधाजनक और हाई-स्पीड ट्रेनों का दौर है. लेकिन इन पुरानी ट्रेनों की ऐतिहासिक अहमियत आज भी बनी हुई है. यह ट्रेनें आज भी चल रही हैं और देश के उन यात्रियों को सेवा दे रही हैं जो इतिहास और आधुनिकता के संगम का अनुभव करना चाहते हैं.

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